Kisan Andolan : राकेश टिकैत ने ठंडा नहीं होने दिया तराई के किसानों को जोश, कांग्रेस-आप ने गड़ाए रखीं नजरें

Kisan Andolan गाजीपुर बार्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने तराई के किसानों का जोश बरकरार रखने के लिए बार-बार दौरा किया। ऊधमसिंहनगर के हजारों किसानों ने आंदोलन में भाग लेकर इसकी धार को और तेज किया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 11:00 AM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 11:00 AM (IST)
Kisan Andolan : राकेश टिकैत ने ठंडा नहीं होने दिया तराई के किसानों को जोश, कांग्रेस-आप ने गड़ाए रखीं नजरें
Kisan Andolan : राकेश टिकैत ने ठंडा नहीं होने दिया तराई के किसानों को जोश, कांग्रेस-आप ने गड़ाए रखीं नजरें

नैनीताल ऑनलाइन डेस्‍ट : Kisan Andolan : गाजीपुर बार्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने तराई के किसानों का जोश बरकरार रखने के लिए बार-बार दौरा किया। यही कारण रहा कि किसान बहुल ऊधमसिंहनगर के बाजपुर, जसपुर, किच्‍छा, खटीमा, काशीपुर रुद्रपुर से हजारों किसानों ने आंदोलन में भाग लेकर इसकी धार को और तेज किया। समय-समय पर ट्रैक्‍टर-ट्रॉली और अन्‍य साधनों से किसानों का जत्‍था तमाम प्रतिबंधों के बावजूद गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन में शरीक होने के लिए राशन-पानी के साथ पहुंचता रहा। आंदोलन को देखते हुए राजनीतिक पार्टियां भी यहां संभावनाएं तलाशने में जुट गई थीं। कांग्रेस, आप समेत अन्‍य पार्टियां किसानों के हर बंद और विरोध-प्रदर्शनों में शरीक होती रहीं।

दिसंबर में निकला था दस हजार किसानों का जत्‍था

बीते साल दिसंबर में कृषि कानूनों के विरोधी आंदोलन में भाग लेने के ऊधमसिंह नगर जिले जिले से करीब 10 हजार किसानों का जत्‍था ट्रैक्‍टर-ट्राली से निकला था। तब किसानों को बार्डर पर रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन ने पूरी फोर्स लगा रखी थी। इसलिए किसानों को आंदोलन में पहुंचने के लिए काफी मशक्‍कत करनी पड़ी थी। ज्‍यातादर किसानों आधी रात को बार्डर के लिए कूच किया था। वहीं कानून के विरोध में जिले में भी लगातार विरोध प्रदर्शन होते रहे। किसानों ने आंदोलन की आंच को कभी ठंडा नहीं पड़ने दिया था।

राजनीतिक पर्टियों का अड्डा बन गया था यूएसनगर

ऊधमसिंहनगर जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं। जिनमें वर्तमान में आठ सीटें भाजपा के पास हैं। सिर्फ एक सीट कांग्रेस के खाते में है। किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से जिले से राजनीतिक पार्टियों ने संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी थीं। खासकर कांग्रेस और आप की सक्रियता यहां अधिक देखने को मिली। इन पार्टियों किसान यूनियन के सभी बंद और हड़तालों का समर्थन किया। विरोध-प्रदर्शनों में शरीक हुए। लखीमपुर की घटना का जिले में भी तीखा विरोध देखने को मिला। उस घटना में गंभीर रूप से घायल तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क का कुशल क्षेम जानने सबसे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत पहुंचे। आप सांसद और पंजाब प्रदेश अध्‍यक्ष भगवंत मान ने भी अपना दौरा तराई तक ही सीमित रखा।

chat bot
आपका साथी