Nainital Weather Update : अल्मोड़ा में भारी बारिश से मकान जमींदोज, जिंदा दफन हो गए परिवार के तीन लोग

Nainital Weather Update कुमाऊं में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मंगलवार सुबह से हो रही बारिश का सिलसिला पूरी रात चला।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 07:13 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 09:19 AM (IST)
Nainital Weather Update : अल्मोड़ा में भारी बारिश से मकान जमींदोज, जिंदा दफन हो गए परिवार के तीन लोग
Nainital Weather Update : अल्मोड़ा में भारी बारिश से मकान जमींदोज, जिंदा दफन हो गए परिवार के तीन लोग

अल्मोड़ा, जेएनएन : अल्मोड़ा जि‍ले के एक परिवार पर बारिश कहर बनकर टूटा है। द्वाराहाट ब्लाॅक के अल्मियागांव तैलमैनारी में देर रात दोमंजिला मकान जमींदोज हो गया। हादसे में परिवार के तीन लोग मलबे में जिंदा दफन हो गए। मकान स्वामी गंभीर रूप से घायल है। बुरी तरह घायल मां-बेटी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि छोटी बेटी ने उपचार के लिए ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए रानीखेत भेज दिया गया है। प्रशासन ने प्रभावित परिवार को तत्काल मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए हैं।

अल्मियागांव तैलमैनारी में अतिवृष्टि से बीती रात दोमंजिला मकान भरभरा कर गिर गया। ग्रामीणों के अनुसार घटना के वक्त मकान में चंद्रा देवी (50) तथा उसकी 17 वर्षीय पुत्री कमला की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि छोटी पुत्री पिंकी (12) ने उपचार के लिए रानीखेत ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। मकान स्वामी रमेश राम (60) गंभीर रूप से घायल है। जिसे रानीखेत भर्ती करवाया गया है।

उप जिलाधिकारी आरके पांडे ने बताया कि रात में ही टीम अल्मियागांव पहुंची। तेज बारिश में बड़ी मुश्किल से दबे लोगों को निकाल तत्काल एंबुलेंस से रानीखेत भिजवाया गया। ताकि किसी की जान बचाई जा सके। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया की जा रही है। ग्रामप्रधान प्रताप राम ने बताया कि चारों लोग निचले तल पर सोये थे। अतिवृष्टि से पूरा मकान ढह गया। मलबे में चारों लोग दब गए। मां बेटी की मौत तत्काल हो गई। जबकि छोटी पुत्री पिंकी ने रास्ते में दम तोड़ दिया। रमेश राम गंभीर रूप से घायल है। उन्होंने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग भी की।

कैरम ने बेटे की बचा ली जान

घटना के समय रमेश राम का पुत्र किशन राम (23) रात का खाना खाने के बाद पड़ोस के मकान में कैरम खेलने गया था। बारिश अधिक होने के कारण वहीं रुक गया। जिस कारण वह सुरक्षित तो रहा। मगर अब उसके सामने दुखों का पहाड़ खड़ा हो चुका।

कुमाऊं में 24 घंटे से बारिश जारी, जन जीवन अस्त-व्यस्त

कुमाऊं में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मंगलवार सुबह से हो रही बारिश का सिलसिला पूरी रात चला। वहीं बुधवार यानी आज सुबह तक झमाझम बारिश हो रही है। आसमान बादलों से घिरा है। बारिश के कारण जहां तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है वहीं लोगों को गर्मी से राहत मिली है। बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आने और भूस्खलन के कारण पहाड़ के कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांवों का खतरा बढ़ गया है। नैनीताल में मंगलवार को सावन झूमकर बरसा। बारिश से नाले पूरे दिन उफान पर रहे। जीआसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बारिश का क्रम हल्की तो कभी मध्यम होने के कारण 30 मिमी दर्ज की गई। इसके अलावा तापमान अधिकतम 20 व न्यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस रहा।

चीन सीमा से संपर्क मार्ग बाधित

पिथौरागढ़ जिले में टनकपुर तवाघाट हाईवे घाट के निकट दिल्ली बैंड के पास खुल चुका है। लेकिन धारचूला के निकट निगालपानी में बंद है। चीन सीमा से संपर्क भंग है। तवाघाट- तिदांग, तवाघाट-लीपुलेख मार्ग बंद है। थल- मुनस्यारी मार्ग बंद है। जौलजीबी- मुनस्यारी मार्ग खुला है। जिले भर में एक दर्जन मार्ग बन्द है। 34 घण्टे से लगातार बारिश जारी है।

बाजपुर में 24घंटे से लगातार बारिश

बाजपुर में पिछले 24घंटे से लगातार बारिश जारी। कच्चे मार्गों से आवागमन प्रभावित हो गया है वही दैनिक वेतन भोगियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मंगलवार की सुबह से जारी बरसात बुधवार को भी लगातार होती रही जिसके चलते न्यूनतम तापमान 25 और अधिकतम 32 डिग्री रहने के आसार।

बारिश से गिरा वर्षों पुराना पेड़, मालरोड जाम

अल्मोड़ा में बीती रात से लगातार बारिश से मालरोड पर वर्षों पुराना वोगनबेलिया का पेड़ धराशायी हो गया। साथ में देवदार का वह पेड़ भी गिर गया, जिस पर लिपटे वोगनबेलिया की बेलें और उसमें खिले फूल लोगों को सावन में खूब रिझाते थे। पेड़ गिरने से मालरोड पर आवाजाही ठप हो गई। जाम जैय्रसे हालात बन गए हैं। जेसीबी की मदद से बीच सड़क पर गिरे पेड़ को हटाने का काम तेज कर दिया गया है।

10 और 11 जुलाई को भारी बारिश के आसार 

जीबी पंत कृषि विवि और अनुसंधान परिसर पंतनगर के मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगले पांच दिनों तक निरंतर बारिश जारी रहेगी। 10 और 11 जुलाई को पर्वतीय और तराई के जिले में कहीं कहीं भारी बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञानी आरके सिंह ने बताया कि तराई और भाबर में रोजाना 15 से 37 एमएमए  और पर्वतीय जिलों में 20 से 35 एमएम बारिश के आसार है। 

रेस्टोरेंट में मलबा आने से काफी नुकसान 

नैनीताल में मानसूनी बारिश के साथ ही भूस्खलन समेत अन्य आपदाएं दस्तक देने लगी हैं। मल्लीताल क्षेत्र में पुरानी बिल्डिंग का मलबा रेस्टोरेंट पर गिर गया, इससे हजारों का सामान खराब हो गया। दुकानदार ने दैवीय आपदा मद से मदद की गुहार प्रशासन से की है। मल्लीताल बड़ा बाजार में चार मंजिला बिल्डिंग के निचले तल में प्रताप रेस्टोरेंट संचालित है। जो प्रेमा चनियाल के नाम है। यह भवन जीर्णशीर्ण हालत में है। बिल्डिंग की मरम्मत नहीं होने की वजह से मलबा लगातार गिर रहा है। बीती रात मलबे से रेस्टोरेंट पट गया। प्रेमा के अनुसार मलबे में फर्नीचर, बर्तन दब गए हैं। नैनीताल शहर में करीब एक दर्जन मकान जर्जर हाल में हैं। पिछले साल पालिका की ओर से नोटिस भी जारी किए गए थे। 

तेज बारिश से मकान की सुरक्षा दीवार गिरी 

भूमियाधार में मंगलवार को तेज बारिश में एक मकान की दीवार ढह गई। आनन-फानन में घर के सभी सदस्य भागकर अपनी जान बचाई। भूमियाधार में बारिश में बसंत लाल पुत्र शेरी लाल के घर की दीवार अचानक गिर गई। दीवार गिरने से घर में रखा सामान मलबे में दब गया। गनीमत रहा कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। वहीं ग्राम प्रधान अनीता देवी व बीडीसी सदस्य रश्मि जय भी मौके पर पहुंची और ग्राम प्रधान ने पटवारी अमित साह को घटना की जानकारी दी। जिसपर पटवारी अमित साह ने मौका मुआयना कर नुकसान का जायजा लिया गया है। ग्राम प्रधान अनीता देवी ने बताया कि हादसे के वक्त घर मे बसंत लाल अपने बीवी और दो बच्चों के साथ मौजूद थे। किसी तरह भागकर जान बचाई। उन्होंने सरकार से गरीब परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की हैं।

धनगढ़ी नाले पर लगाया गया बैरियर

रामनगर में हर बरसात में जानलेवा साबित हो रहे धनगढ़ी नाले को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन द्वारा धनगढ़ी नाले से पहले दो बैरियर लगा दिए गए हैं ताकि नाले के समीप जाने वाले वाहनों को पानी के तेज बहाव में बहने से बचाया जा सके। रामनगर से 18 किलोमीटर दूर धनगढ़ी नाले में हर साल कई लोग जान गंवा बैठते है। बरसात के दौरान जंगल का पानी नाले के रूप में कुमाऊं से गढ़वाल को जाने वाले हाईवे पर आ जाता है। कई चालक बिना पानी का अंदाजा लगाए जल्दी गंतव्य तक पहुंचने के लिए अपने वाहन पानी के तेज बहाव में डाल देते हैं। ऐसे में वाहन पानी के तेज बहाव में फंस जाते हैं। बीते तीन सालों में नौ लोग इस नाले में अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि कई लोगों को रेस्क्यू कर बमुश्किल बचाया जा सका। पानी के तेज बहाव के दौरान जानबूझकर लापरवाही बरतने वाले चालकों की वजह से प्रशासन, वन विभाग, पुलिस व दमकल विभाग को भी मुसीबत झेलनी पड़ती है। 

बागेश्वर जिले में 14 सड़कें दो दिनों से बंद

बागेश्वर जिले में भारी बारिश का दौर जारी है। बारिश से जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली 14 सड़कें बंद हैं। करीब 40 हजार से अधिक की आबादी सीधे प्रभावित हो रही है। आपदा प्रबंधन मार्ग खोले में जुटा है। पिछले 2 दिनों से जिले में लगातार बारिश हो रही है। बारिश से सरयू नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। पुलिस लगातार लोगों को नदी किनारे न जाने की चेतावनी दे रही है। वही कपकोट ब्लॉक में सबसे अधिक सड़कें बंद है। यहां लगभग आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। विभागीय अधिकारी मार्ग खोलने में जुटे हुए हैं। अत्यधिक बारिश होने के कारण मार्ग खोलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मार्ग खोलते ही मालवा आ रहा है। जिससे फिर वह मार्ग बंद हो रहा है। फिलहाल किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। आपदा प्रबंधन विभाग ने संबंधित सभी अधिकारियों कर्मचारियों को अलर्ट किया है। आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि बंद मार्गों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। सभी अलर्ट मोड में है फिलहाल किसी प्रकार के जन हानि की सूचना नहीं है। पेयजल व बिजली व्यवस्था सुचारू है।

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