बारिश से भीगे पहाड़, उच्च हिमालय ने ओढ़ी बर्फ की चादर, मैदान में ठंड की आहट

अंतिम भारतीय गांव कुटी हिमाच्छाति हो चुका है। उच्च हिमालय भी गांवों में बर्फबारी जारी है। अब मैदान में ठंड की शुरुआत होना तय है। पिथौरागढ़ की लाइफ लाइन ऑलवेदर सड़क घाट से पिथौरागढ़ के बीच तीन स्थानों पर बंद हो चुकी है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:09 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:09 AM (IST)
बारिश से भीगे पहाड़, उच्च हिमालय ने ओढ़ी बर्फ की चादर, मैदान में ठंड की आहट
मूसलधार बारिश से नगर पिथौरागढ़ सहित पूरे जिले में जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : सीमांत में बारिश का कहर जारी है। निचले इलाके तरबतर हो चुके हैं। उच्च हिमालय में मलारी से लिपुलेख तक बर्फ की चादर बिछ चुकी है। अंतिम भारतीय गांव कुटी हिमाच्छाति हो चुका है। उच्च हिमालय भी गांवों में बर्फबारी जारी है। अब मैदान में ठंड की शुरुआत होना तय है। पिथौरागढ़ की लाइफ लाइन ऑलवेदर सड़क घाट से पिथौरागढ़ के बीच तीन स्थानों पर बंद हो चुकी है। सैकड़ों यात्री फंसे हैं। गुरना के पास लगातार मलबा गिर रहा है।

एनएच सहित एक दर्जन मार्ग बंद हो चुके हैं। तीन मार्गो में तो कई मीटर मार्ग बह चुका है। चीन सीमा को तक जाने वाला तवाघाट- गर्बाधार -लिपुलेख और चीन सीमा को जोडऩे वाले तवाघाट- सोबला- तिदांग ढाकर मार्ग और मुनस्यारी मिलम मार्ग बंद हो चुके हैं। व्यास घाटी में छियालेख से आर्ग दारमा घाटी में नागलिंग से आगे और जोहार घाटी में लास्पा से लागे लगातार बर्फबारी जारी है। रविवार सायं लगभग आठ बजे से जारी बारिश सोमवार दिन भर जारी रही । मूसलधार बारिश से नगर पिथौरागढ़ सहित पूरे जिले में जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। बाजार सुनसान हैं। सड़कों पर यातायात काफी कम है। 

ग्रामीण क्षेत्रों में ऊंचाई वाले स्थानों पर फसल और घास बर्बाद हो चुकी है। जिले की प्रमुख नदियों काली, गोरी, सरयू, रामगंगा , मंदाकिनी, सेरा,  धौलीगंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार की सुबह तक नदियों  का जलस्तर सामान्य था परंतु सायं तक जलस्तर में वृद्धि हो चुकी है। मुनस्यारी तहसील का जिला मुख्यालय सहित पूरे क्षेत्र से सम्पर्क कट चुका है। निचले इलाकों में बारिश हो रही है। तहसील के उच्च हिमालयी जोहार घाटी के सभी 14 गांवों में हिमपात हो रहा हैं। दारमा के तेरह गांवो, व्यास घाटी के छह गांवों में भी हिमपात जारी है। उच्च हिमालय और उच्च मध्य हिमालय के पैंतालीस से अधिक गांवों का सम्पर्क भंग हो चुका है।

उच्च हिमालयी घाटियों से हो रहा शीतकालीन माइग्रेशन प्रभावित हो चुका है। ग्रामीणों के उच्च हिमालयी गांवों में फंसने के आसार बन चुके हैं। जिस गति से बारिश और हिमपात हो रहा है उसे देखते मार्ग बंद होने के साथ ही उच्च हिमालयी गांवों के बर्फ से लकदक होने के पूर्ण आसार बन चुके हैं। 20 अक्टूबर से गुजी में आयोजित होने वाले शिवोत्सव  की तैयारी के लिए पहुंचे कर्मचारी, मजदूर गुंजी में फंस चुके हैं। जिले में आपदा संभावित क्षेत्रों में दहशत बनी हुई है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर छियालेख से लिपुलेखऔर आदि कैलास मार्ग पर छियालेख से आदि कैलास तक  बर्फबारी जारी है।

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