Kumaon Weather News Update : जानिए कैसा रहेगा कुमाऊं में आज मौसम को हाल

Kumaon Weather News Update बीते महीने में 20 जून के बाद से कुमाऊं में मानसून ठीक से सक्रिय नहीं हो पाया है। मौसम विभाग ने दो-दो बार भारी बारिश को लेकर अलर्ट किया फिर भी बारिश पर्वतीय जिलों के कुछ हिस्‍सों में ही सिमट कर रह गई।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 14 Jul 2021 08:06 AM (IST) Updated:Wed, 14 Jul 2021 08:06 AM (IST)
Kumaon Weather News Update :  जानिए कैसा रहेगा कुमाऊं में आज मौसम को हाल
Kumaon Weather News Update : जानिए कैसा रहेगा कुमाऊं में आज मौसम को हाल

जागरण संवाददाता, नैनीताल : Kumaon Weather News Update : बीते महीने में 20 जून के बाद से कुमाऊं में मानसून ठीक से सक्रिय नहीं हो पाया है। मौसम विभाग ने दो-दो बार भारी बारिश को लेकर अलर्ट किया फिर भी बारिश पर्वतीय जिलों के कुछ हिस्‍सों में ही सिमट कर रह गई। मैदानी इलाकों में घटाएं घिरने के बावजूद बारिश न होने के कारण लोग बाग गर्मी और उमस से परेशान हैं। वहीं अब मौसम विभाग ने कुमाऊं के कुछ जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत औ अल्‍मोड़ा जिलों में कहीं भारी तो कहीं हल्की बारिश होने की संभावना जताई है।

बागेश्‍वर में देर रात को रिमझिम बारिश और सुबह घाटी वाले क्षेत्रों में कोहरा छाया है। आसमान आसमान बादलों से घिरा है। कपकोट में चार सड़कें आवागमन के लिए बंद। जबकि सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा। यही हाल पिथौरागढ़ और चंपावत का भी है। जबकि नैनीताल में बादल के बीच हल्‍की धूप निकली हुइ है। हल्‍द्वानी और धूप-छांव का मिलाजुला असर है। वहीं पिथौरागढ़ के कूलागाड़ में चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल बहने के कारण सीमा के ग्रामीणों को संपर्क जिला मुख्‍यालय से भंग हो गया है। लोगों को रास्‍ता पार कराने के लिए निजी संस्‍था ने रोपवे बनाया है।

जुलाई में अब तक औसत से कम बारिश

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के पर्यावरण विज्ञानी डॉ नरेंद्र सिंह ने बताया कि मानसून की चाल इस बार बदली हुई नजर आ रही। राजधानी दिल्ली में इस बार मानसून देर से पहुंचा है, जबकि राजस्थान के जैसलमेर में सबसे लेट मानसून पहुंचता है और वहां पहले ही पहुंच गया है। इसके साथ ही मानसून खण्डित रूप में बरस रहा है। जिस कारण एक ही क्षेत्र में इतनी अधिक बारिश हो रही है कि बादल फटने जैसा प्रतीत हो रहा है। यही वजह है कि जून में बारिश औसत से कहीं अधिक हो चुकी है, जबकि जुलाई के एक पखवाड़े बीतने को है और बारिश बहुत कम हुई है।

पहाड़ का सफर करने से बचें

बारिश के दिनों में पहाड़ का सफर और खतरनाक हो जाता है। भूस्‍खलन की आशंका के साथ ही पहाड़ से अचानक तेज पानी आने की भी आशंका बनी रहती है। ऐसे में पर्वतीय जिलों का सफर बारिश के दिनों में बेहद जोखिम भरा होता है। इस मौसम में पर्यटकों को खास तौर पहाड़ का सफर करने से बचना चाहिए। क्‍योंकि उन्‍हें जोखिम भरे ऐसे रूटों का कोई अंदाजा नहीं होता है।

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