आफत बनी बारिश, अल्मोड़ा में कई हेक्टेयर खेत बहे, बागेश्वर में दस हजार की आबादी कैद

बारिश के कारण पहाड़ के जिलों के निवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रुक रुक हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्र मुख्य मार्ग से कट गए हैं तो कहीं नदियां उफान पर हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 02:38 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 02:38 PM (IST)
आफत बनी बारिश, अल्मोड़ा में कई हेक्टेयर खेत बहे, बागेश्वर में दस हजार की आबादी कैद
आफत बनी बारिश, अल्मोड़ा में कई हेक्टेयर खेत बहे, बागेश्वर में दस हजार की आबादी कैद

नैनीताल, जेएनएन : बारिश के कारण पहाड़ के जिलों के निवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रुक रुक हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्र मुख्य मार्ग से कट गए हैं तो कहीं नदियां उफान पर  हैं। भूस्खलन का भी खतरा बढ़ गया है। अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील से बहने वाली सांई नदी के लगातार उफान पर आने के कारण अब नदी क्षेत्र से लगी उपजाऊ जमीन का लगातार कटाव हो रहा है। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन भूमि कटाव को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिस कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोगों ने मानूसन को देखते हुए यहां शीघ्र सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की है। वहीं बागेश्वर के कपकोर्ट जिले में बारिश का सिलसिला जारी है। बारिश के कारण भूस्खलन हो रहा है। जिससे क्षेत्र में तीन सड़कें आवागमन के लिए बाधित हो गई हैं। जिससे करीब दस हजार लोग प्रभावित हो गए हैं। इधर, सड़कों को खोलने के लिए प्रशासन ने जेसीबी मशीनें लगाईं हैं।

साई नदी में बह गईं दो जिंदगियां, सैकड़ों हेक्टेयर जमीन नष्ट 

अल्मोड़ा के सोमेश्वर ब्लॉक में सामाजिक कार्यकर्ता खड़क सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों को भेजे पत्र में स्थानीय लोगों ने कहा है कि तहसील क्षेत्र से सांई अौर कोसी नदी बहती हैं। बीते दिनों से रूक रूक कर हो रही बारिश के कारण सांई नदी काफी उफान पर हैं। नदी के उफान के कारण अब तक दो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि ग्रामीणों की कई हेक्टेयर जमीन भी नष्ट हो चुकी है। पत्र में ग्रामीणों ने कहा है कि तहसील के अधिकांश परिवार कृषि कार्य कर अपनी आजीविका चलाते हैं। लेकिन नदी के उफान के कारण लगातार उनकी भूमि नष्ट हाे रही है और खेती को भी नुकसान पहुंच रहा है। लेकिन कई बार की शिकायतों के बाद भी अभी तक यहां कोई सुरक्षात्मक कार्य नहीं किए गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से सांई नदी के किनारे सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की है। ताकि वह अपनी खेती को नदी के उफान से बचा सकें।

बागेश्वर में तीन सड़कें बंद, दस हजार लोग प्रभावित

बागेश्वर जिले में सड़कों के बंद होने का सिलसिला जारी है। बारिश से रविवार को तीन और सड़कें बंद हो गई है। बागेश्वर-कपकोट मोटर मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा आ गया। इस कारण यह भी भी कुछ घंटों के लिए बंद रहा। लगातार बंद हो रही सड़कों से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मानसूनी बारिश शुरू होते ही जिले की सड़कें बदहाल हो गई हैं। गत तीन दिन लगातार बारिश से जिले की डेढ़ दर्जन सड़कें बंद हो गई थी। लोनिवि, पीएमजीएसवाई ने दो दिन में बंद सड़कें खोली तो शनिवार की रात हुई बारिश से कपकोट तहसील की तीन सड़कें बंद हो गई है। इसमें सनगाड़- बास्ती मोटर मार्ग किमी दो, बागेश्वर-कपकोट किमी 17 और भयूं-गडेरा मोटर मार्ग किमी दो पर बंद हो गई। बागेश्वर-कपकोट मोटर मार्ग बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा, जबकि अन्य मार्ग बंद होने से लोगों को मीलों पैदल चलना पड़ा। बास्ती जाने वाले लोगों को धरमघर से पैदल जाना पड़ा। कपकोट में लगातार हो रही बारिश से सरयू का भी जलस्तर बढ़ा है। लोगों ने बंद सड़कों को खोलने की मांग की है। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि बंद मार्गों को खोलने काम चल रहा है। जल्द लोगों की समस्या दूर हो जाएगी। बागेश्वर में आवागमन के लिए सनगाड़-बास्ती, बागेश्वर-कपकोट, भयूं-गडेरा सड़कें हैं। 

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