Rahat Indori : राहत साहब ने नैनीताल में लूट ली थी पूरी महफिल, मुरीद हो गया था हर कोई

प्रसिद्ध शायर व गीतकार राहत इंदौरी शरदोत्सव 2012 में आयोजित मुशायरा में शामिल होने के लिए नैनीताल आए थे। तत्कालीन राज्यपाल डॉ अजीज कुरैशी की पहल पर यह मुशायरा हुआ था।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 06:53 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 08:56 AM (IST)
Rahat Indori : राहत साहब ने नैनीताल में लूट ली थी पूरी महफिल, मुरीद हो गया था हर कोई
Rahat Indori : राहत साहब ने नैनीताल में लूट ली थी पूरी महफिल, मुरीद हो गया था हर कोई

नैनीताल, जेएनएन : प्रसिद्ध शायर व गीतकार राहत इंदौरी शरदोत्सव 2012 में आयोजित मुशायरा में शामिल होने के लिए नैनीताल आए थे। तत्कालीन राज्यपाल डॉ अजीज कुरैशी की पहल पर यह मुशायरा हुआ था। मुशायरे में इंदौरी के साथ ही एहसान वारसी, डॉ युनुस अहमद, मलिक जावेद, अलीक नुबानी, शमशादए अंजुम, अफजल मंगलौरी, संदीप शर्मा, सुरेद्र दूबे, प्रदीप चौबे, राजेंद्र, रश्मि सबा समेत दो दर्जन शायरों ने शिरकत की थी। नैनीताल क्लब के शैले हॉल में आयोजित मुशायरे में तत्कालीन राज्यपाल ने उनके कलाम की दाद दी थी। उस समय पूरी महफिल राहत साहेब के नज्मों की मुरीद हो गई थी।

रातह साहेब ने कहा, इस दौर के गीतों में वो बात नहीं

मशहूर शायर राहत इंदौरी ने तब प्रेस कांफ्रेंस मेें कहा था कि वर्तमान दौर के गीतों में शायरी रूपी शरीर तो है, लेकिन आत्मा नदारद है। बीते दशकों में तीन-चार महीनों की कड़ी मशक्कत के बाद शायर एक नज्म बनाते थे, जिसमें संगीत देकर उसे अजर अमर बनाया जाता था, लेकिन आज के दौर में चंद घंटे में नज्म बन जाती है और बना दिया जाता है संगीत। इसीलिए पुराने गीत पांच छह दशकों बाद आज भी जीवंत हैं और नए गीत आने के कुछ ही समय बाद ही विदा हो गए।

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कौमी एका के शायरों को तरजीह देने की कही थी बात

मशहूर शायर राहत इंदौरी का कहना था कि वह नैनीताल में होने वाले शरदोत्सव में शिरकत करते रहे हैं, लेकिन बीते दशकों में मुशायरे को शरदोत्सव में तरजीह नहीं दी गई। उन्होंने कौमी एकता तथा राष्ट्रीय एकता की अलख जगाने वाले शायरों को तरजीह देने पर जोर दिया था। कहा कि समृद्ध शाली अतीत की शायरी की यह परंपरा स्वदेश से आस्ट्रेलिया, वाशिंगटन समेत विभिन्न देशों में तो पहुंच गई है लेकिन यहां इसका अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा है। उन्होंने तब शायरी के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों से आह्वान किया था कि वह अपने स्तर से शायरी के मूल को जीवंत करने के प्रयास करें। मशहूर शायर राहत इंदौरी के निधन पर युगमंच के अध्यक्ष जहूर आलम, रंगकर्मी हेमंत बिष्ट समेत अन्य रंगकर्मियों व लेखकों ने गहरा शोक प्रकट किया है।

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