जिला प्रशासन ही कराएगा पूर्णागिरि मेला, डीएम ने कहा प्रशासन व जिला पंचायत के बीच कोई विवाद नहीं

जिला पंचायत को कोई दिक्कत है तो वह कानूनी प्रक्रिया अपना सकती है। मेले के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा। अब इस विवाद को निपटाने के लिए समय शेष नहीं है। वहीं जिला पंचायत किसी भी सूरत में यह मानने को तैयार नहीं है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 05:15 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 05:15 PM (IST)
जिला प्रशासन ही कराएगा पूर्णागिरि मेला, डीएम ने कहा प्रशासन व जिला पंचायत के बीच कोई विवाद नहीं
जिला पंचायत ने अपना अधिकार जताते हुए इस बार भी पूर्व की भांति मेला कराने का निर्णय लिया है।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेला इस बार जिला प्रशासन ही आयोजित कराएगा। मंगलवार को डीएम ने साफ किया कि जिला प्रशासन व जिला पंचायत के बीच इसको लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा, अगर जिला पंचायत को कोई दिक्कत है तो वह कानूनी प्रक्रिया अपना सकती है। मेले के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा। अब इस विवाद को निपटाने के लिए समय शेष नहीं है। वहीं, जिला पंचायत किसी भी सूरत में यह मानने को तैयार नहीं है।

पूर्णागिरि धाम के आरक्षित वन क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों की रोक के बाद 2010 से मेले की व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लग गया था। मेले में 2009 तक पार्किंग, मुंडन, तहबाजारी, साइकिल स्टैंड आदि के ठेकों से होने वाली आय जिला पंचायत के खाते में जमा होती थी। वर्ष 2009 के बाद से ठेकों से मिलने वाली आय मेला समिति के खाते में जमा हो रही है। इसको लेकर जिला पंचायत में काफी आक्रोश है। जिपं का कहना है कि हाई कोर्ट ने वन क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधि करने पर रोक लगाई न कि मेला कराने से। इसके बावजूद जिला प्रशासन सालों से इसमें हस्तक्षेप कर रहा है। जिला पंचायत ने अपना अधिकार जताते हुए इस बार भी पूर्व की भांति मेला कराने का निर्णय लिया है। जिला पंचायत का कहना है कि मेले की व्यवस्थाएं आज भी जिला पंचायत कर रही है, लेकिन उसके खाते में एक धेला भी जमा नहीं होता। इससे जिला पंचायत को काफी अधिक नुकसान हो रहा है। मेला आयोजित नहीं कराने देने पर जिपं ने कानूनी सहायता लेने की बात कही है। हालांकि इस विवाद के बीच मंगलवार को डीएम विनीत तोमर ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेशानुसार मेला समिति ही मेले का आयोजन कराएगी। इसमें वर्तमान में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके लिए अभी कोई समय भी नहीं है। अगर इसमें पड़ेंगे तो मेले की व्यवस्था अव्यवस्था में बदल जाएगी। मेले के बाद जिपं की मांग पर कानूनी राय लेकर विचार किया जाएगा।

वन विभाग मेले में बन रहा रोड़ा

मेले की तैयारियों में वन विभाग रोड़ा बना हुआ है। एक तरफ जहां वन विभाग बूम व ठुलीगाढ़ में बनने वाले वाली पार्किंग को अपना बता रही है, वहीं जिला प्रशासन बूम स्थित भूमि को राजस्व की बता रहा है। अभी तक इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। डीएम तोमर ने कहा कि बूम स्थित भूमि राजस्व की है। इसको लेकर वन विभाग से कोई विवाद नहीं है। ठुलीगाढ़ स्थित भूमि को चेक कराया जा रहा है।

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