ऊधमसिंह नगर से चार सौ टन गेहूं बिकने जा रहा था पंजाब, किसानों के विरोध के कारण बार्डर पर खड़े हुए ट्रक
सरकार भले ही किसानों को गेहूं का वाजिब दाम दे रही हो मगर ऊधमसिंह नगर में कुछ आढ़ती व व्यापारी मंडियों के बाहर गेहूं खरीद कर पंजाब सप्लाई कर रहे हैं। जिले से करीब चार सौ टन गेहूं रोजाना पंजाब में बिकने पहुंच रहा है।
अरविंद कुमार सिंह, रुद्रपुर : सरकार भले ही किसानों को गेहूं का वाजिब दाम दे रही हो, मगर ऊधमसिंह नगर में कुछ आढ़ती व व्यापारी मंडियों के बाहर गेहूं खरीद कर पंजाब सप्लाई कर रहे हैं। जिले से करीब चार सौ टन गेहूं रोजाना पंजाब में बिकने पहुंच रहा है। हालांकि पंजाब के किसान व व्यापारियों के एतराज के चलते वहां के बार्डर पर फिलहाल गेहूं लदे ट्रक खड़े हो गए हैं।
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के 18.50 लाख ङ्क्षक्वटल गेहूं खरीद लक्ष्य में से ऊधमसिंह नगर जिले का हिस्सा 12 लाख ङ्क्षक्वटल का है। जिले में करीब एक लाख हेक्टेेयर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती इस बार की गई है। उत्तराखंड में सरकारी रेट 1970 रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल है। अभी तक कुमाऊं में सरकारी केंद्रों ने चार लाख ङ्क्षक्वटल से अधिक गेहूं क्रय किया है। वहीं मंडियों के बाहर 1800 से 1850 रुपये में गेहूं व्यापारियों व आढ़तियों के माध्यम से खरीदा जा रहा है। हालांकि इससे किसानों को कोई फायदा नहीं है, मगर आढ़ती इस रेट पर खरीद से मंडी शुल्क भी बचा लेते हैं।
इसके बाद पंजाब की फ्लोर मिलों को गेहूं बेच देते हैं। तराई ही नहीं इसकी सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों से भी गेहूं पंजाब ज्यादा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड की अपेक्षा सरकारी रेट कम है। इसका फायदा उठाकर बरेली, रामपुर, पीलीभीत के व्यापारी उत्तराखंड के ट्रांसपोटरों के जरिये गेहूं पंजाब में बेच रहे हैं। इधर, फिलहाल पंजाब बार्डर पर बिकने के लिए ऊधमसिंह नगर से पहुंचे चार सौ टन गेहूं लदे ट्रकों को रोक दिया गया है। इसकी वजह वहां के व्यापारियों ने पहले उनका गेहूं क्रय करने की मांग रखी है।
जिले से पंजाब की आटा मिलों को रोजाना करीब चार सौ टन गेहूं जाता है। अपेक्षाकृत अधिक रेट मिलने से गेहूं वहां सप्लाई हो रहा है। जबकि ऑफ सीजन में पंजाब से जिले की फ्लोर मिलों को गेहूं आता है।
अशोक बंसल, अध्यक्ष, कुमाऊं गढ़वाल चैंबर आफ कामर्स इंडस्ट्री
सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों का गेहूं खरीदा जा रहा है। मंडियों के बाहर गेहूं क्रय करने का मामले पर सख्ती बरती जा रही है। अधिकारियों के माध्यम से इसकी लगातार मॉनीटङ्क्षरग कराई जाएगी।
वेद प्रकाश धूलिया, उपनिदेशक खाद्य कुमाऊं
किसानों के हितों के लिए केंद्र व राज्य की कई योजनाएं संचालित हैं। जिससे किसान लोन लेकर बेहतर खेती कर सके। यदि किसान साहूकारों से कर्ज लेकर उन्हें गेहूं बेच रहे हैं तो यह उनका निजी मामला है।
एमपी त्रिपाठी, एमडी, उत्तराखंड कोआपरेटिव फेडरेशन
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