पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल ने रद की 238 फार्मेसिस्टों की वरिष्ठता सूची, अब तीन माह में तैयार करनी होगी नई सूची

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि जब हाईकोर्ट ने 2009 की नियुक्ति रद्द कर दी थी तो वरिष्ठता सूची 2009 के आधार पर बनाना गलत है इन तर्कों के आधार पर ट्रिब्यूनल ने 2019 में जारी वरिष्ठता सूची रद्द कर दी है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 09:30 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 09:30 AM (IST)
पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल ने रद की 238 फार्मेसिस्टों की वरिष्ठता सूची, अब तीन माह में तैयार करनी होगी नई सूची
ट्रिब्यूनल ने 2019 में जारी वरिष्ठता सूची रद्द कर दी है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। उत्तराखंड पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल बेंच नैनीताल ने राज्य आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग की ओर से  फार्मेसिस्टों की वरिष्ठता सूची को निरस्त करते हुए तीन माह के भीतर नए सिरे से वरिष्ठता सूची जारी करने के आदेश पारित किए हैं।

सोमवार को ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष रामसिंह व प्रशासनिक सदस्य एएस नयाल की खण्डपीठ में फार्मेसिस्ट सतीश मुनगली व राकेश रावत की याचिका सुनवाई को पेश हुई। जिसमें फार्मेसिस्टों की 5 मार्च 2019 को जारी पदोन्नति सूची को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं के अनुसार दिसम्बर 2009 में 238 फार्मेसिस्टों की नियुक्ति हुई लेकिन हाईकोर्ट ने 2012 में ये नियुक्तियां निरस्त कर विभाग से दोबारा मेरिट लिस्ट बनाकर नियुक्तियां करने का आदेश पारित किया। जिसके बाद विभाग द्वारा पुनः मेरिट लिस्ट बनाकर नियुक्तियां की गई, जिसमें दोनों याचिकाकर्ता भी शामिल थे।

याचिकाकर्ताओं के अनुसार नियुक्ति के समय उनका क्रमांक 10 व 19 था लेकिन वरिष्ठता सूची में उन्हें सबसे नीचे रखा गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि जब हाईकोर्ट ने 2009 की नियुक्ति रद्द कर दी थी तो वरिष्ठता सूची 2009 के आधार पर बनाना गलत है, इन तर्कों के आधार पर ट्रिब्यूनल ने 2019 में जारी वरिष्ठता सूची रद्द कर दी है।

उल्लेखनीय है कि उक्त वरिष्ठता सूची के बाद करीब दो दर्जन फार्मेसिस्ट चीफ फार्मेसिस्ट भी बन गए हैं । जिनकी पदोन्नति अब प्रभावित होगी। इसके अलावा विभाग ने 2011 में भी करीब 70 फार्मेसिस्टों की नियुक्ति की है और इस आधार पर उनके वरिष्ठ होने की संभावना हो गई है।

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