विधायक महेश नेगी का डीएनए सैंपल लेने के आदेश पर रोक बरकरार

हाई कोर्ट ने अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट विधायक महेश नेगी के डीएनए सैंपल प्रस्तुत के सीजेएम देहरादून के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने निचली कोर्ट के डीएनए सैंपल लेने के आदेश पर रोक बरकरार रखते हुए अगली सुनवाई पांच अक्टूबर नियत कर दी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 18 Aug 2021 08:37 AM (IST) Updated:Wed, 18 Aug 2021 08:37 AM (IST)
विधायक महेश नेगी का डीएनए सैंपल लेने के आदेश पर रोक बरकरार
विधायक महेश नेगी का डीएनए सैंपल लेने के आदेश पर रोक बरकरार

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट विधायक महेश नेगी के डीएनए सैंपल प्रस्तुत के सीजेएम देहरादून के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने निचली कोर्ट के डीएनए सैंपल लेने के आदेश पर रोक बरकरार रखते हुए अगली सुनवाई पांच अक्टूबर नियत कर दी। साथ ही जांच अधिकारी से जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने निचली अदालत में चल रहे केस पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है।

देहरादून की निचली अदालत ने डीएनए रिपोर्ट पेश करने के लिए अंतिम समय दिया था जिसे विधायक द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। पीडि़ता ने छह सितंबर 2020 को नेहरू कॉलोनी देहरादून में एक प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि विधायक महेश नेगी ने उनका यौन शोषण किया है। अब वे दोनों पति पत्नी उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहे है। याचिका में यह भी कहा गया है कि इस मामले जांच कर रहे दो आइओ को भी सरकार ने बदल दिया है। क्योंकि विधायक सत्तारूढ़ पार्टी का है, इसलिए मामले की जांच सीबीआइ से कराई जाए। पीडि़ता का आरोप यह भी है कि देहरादून पुलिस इस मामले की जांच करने में पक्षपात रवैया अपना रही है। सही तरीके से जांच भी नहीं कर रही है।

क्या है पूरा मामला

बीते साल विधायक महेश नेगी की पत्नी ने देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी में एक महिला पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद उक्त महिला ने विधायक पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। वीडियो के जरिए महिला ने दावा किया था कि बीजेपी विधायक और उसकी एक बेटी भी है। इसको साबित करने के लिए वह डीएनए टेस्ट के लिए तैयार है। महिला ने थाने में तहरीर देकर महेश नेगी पर उसके साथ कई बार शोषण करने का आरोप भी लगाया था। उसने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।

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