विशेष श्रेणी के तहत कराई गई यात्राओं का भुगतान नहीं होने से रोडवेज की दिक्कत और बढ़ी
आर्थिक संकट में फंस चुके उत्तराखंड परिवहन निगम की स्थिति ऐसी हो गई कि जनवरी से अब तक वह अपने छह हजार कर्मचारियों व अफसरों को सैलरी तक नहीं दे सका। वहीं विशेष श्रेणी के तहत कराई गई यात्राओं का भुगतान नहीं होने से उसकी दिक्कत और बढ़ रही है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : कोरोना की वजह से आर्थिक संकट में फंस चुके उत्तराखंड परिवहन निगम की स्थिति ऐसी हो गई कि जनवरी से अब तक वह अपने छह हजार कर्मचारियों व अफसरों को सैलरी तक नहीं दे सका। वहीं, विशेष श्रेणी के तहत कराई गई यात्राओं का भुगतान नहीं होने से उसकी दिक्कत और बढ़ रही है। नैनीताल रीजन के आठ डिपो का तीन करोड़ रुपये पिछले एक साल से अटका हुआ है। समाज कल्याण विभाग व शासन से इनका भुगतान होना था। लेकिन अब तक पैसे नहीं मिले। प्रदेश में रोडवेज के तीन रीजन है। टनकपुर व देहरादून रीजन को भी इस मद में पैसे नहीं मिले हैं।
रोडवेज में विशेष श्रेणी के तहत निश्शुल्क सफर भी करवाया जाता है। सीनियर सिटीजन, दिव्यांग, राज्य आंदोलनकारी, स्वतंत्रता सेनानी आश्रित, पूर्व विधायक व सांसद, मान्यता प्राप्त पत्रकार व छात्राओं को पास होने में इस वर्ग में शामिल किया जाता है। सीनियर सिटीजन व दिव्यांग यात्रियों के किराये का पैसा समाज कल्याण विभाग से लिया जाता है। बाकी का सरकार से। लेकिन पिछले एक साल से तीन करोड़ का मामला अटका हुआ है।
बसों की नीलामी की तैयारी
रोडवेज अब तनख्वाह व अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए अब बसों को नीलाम करने में जुटा है। अब तक प्रदेश के अलग-अलग डिपो में कंडम स्थिति में पहुंच चुकी दो सौ बसों को चिन्हित किया जा चुका है। जल्द निविदा जारी कर नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिसके बाद टायर व अन्य संसाधन जुटाए जाएंगे।
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