प्रो. जीएस रावत ने पूर्व सीएम से कहा, नदियों को बचाने के लिए प्राधिकरण गठित किया जाए

गैरहिमानी नदियों के संरक्षण को उत्तराखंड नदी पुनर्जनन प्राधिकरण एक बार फिर पुरजोर वकालत होने लगी है। कोसी पुनर्जनन महाअभियान के जनक एवं जल विज्ञानी प्रो. जीवन सिंह रावत ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिल प्राधिकरण बनाने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 03:27 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 03:27 PM (IST)
प्रो. जीएस रावत ने पूर्व सीएम से कहा, नदियों को बचाने के लिए प्राधिकरण गठित किया जाए
प्रो. जीएस रवत रावत ने पूर्व सीएम पूर्व सीएम से कहा, नदियों को बचाने के लिए प्राधिकरण गठित किया जाए

अल्मोड़ा, जागरण संवाददाता : अस्तित्व के संकट से जूझ रही गैरहिमानी नदियों के संरक्षण को उत्तराखंड नदी पुनर्जनन प्राधिकरण एक बार फिर पुरजोर वकालत होने लगी है। कोसी पुनर्जनन महाअभियान के जनक एवं जल विज्ञानी प्रो. जीवन सिंह रावत ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिल प्राधिकरण बनाने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया। साथ ही सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में नेचुरल रिसोर्स डाटा मैनेजमेंट सेंटर (एनआरडीएमएस) में नदी पुनर्जनन सेल स्थापित किए जाने की भी जरूरत बताई। ताकि सेल के जरिये नई पीढ़ी को नदियों, जल संरक्षण व पर्यावरण से जोड़ नदी पुनर्जनन की मुहिम को मुकाम तक पहुंचाया जा सके। 

कुमाऊं की बड़ी नदियां बचाने को नेशनल जियो स्पेशल चेयरप्रोफेसर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (भारत सरकार) प्रो. जीवन सिंह रावत बीते तीन दशक से शोध एवं अध्ययन में जुटे हैं। उत्तराखंड की गैरहिमानी नदियों पर मंडराते संकट व पुनर्जीवित करने संबंधी शोध रिपोर्ट के आधार पर ही वर्ष 2018 में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कदम बढ़ाए थे। गढ़वाल में रिस्पना व कुमाऊं में कोसी नदी को चुना गया।

इसी दरमियान त्रिवेंद्र को प्रो. रावत ने उत्तराखंड नदी पुनर्जनन प्राधिकरण गठित करने का सुझाव दिया था। इस पर अमल हुआ पर काम अधूरा रह गया। इधर सर्किट हाउस में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र व प्रो. रावत के बीच इन्हीं बिंदुओं पर गहन मंत्रणा हुई। ताकि मौजूदा सीएम तीरथ सिंह रावत का ध्यान इस ओर खींचा जा सके। पूर्व सीएम ने माना कि नदी पुनर्जनन महाअभियान उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था। भरोसा दिलाया कि प्राधिकरण व एनआरडीएमएस में सेल बनाने को सीएम तीरथ से बात करेंगे। 

सिरौता नदी के लिए बनाई जाए कार्ययोजना 

प्रो. रावत ने कोसी पुनर्जनन महाअभियान का हिस्सा बन चुकी सिरौता नदी को पुनर्जीवित करने की कार्ययोजना एवं उससे संबंधित शोध रिपोर्ट भी सौंपी। कहा कि युगनायक स्वामी विवेकानंद की तपस्थली काकड़ीघाट में सिरौता व कोसी का संगम है। सिरौता का संरक्षण कर वहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा तो 107.12 वर्ग किमी के दायरे में बसे 44 बड़े गांवों का जलसंकट दूर होगा। सिंचाई को पानी भी पर्याप्त मिलेगा। संरक्षण को ठोस नीति के अभाव में सिरौती के 685 बरसाती धारे व 700 से ज्यादा स्रोत सूखते जा रहे हैं। इस दौरान डीएम नितिन सिंह भदौरिया भी मौजूद रहे। 

नदी पुनर्जनन के कार्य किए जा रहे

नेशनल जियोस्पेशल चेयरप्रोफेसर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रो. जीवन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में त्रिवेंद्र सरकार में नदियों के पुनर्जनन को मुहिम शुरू की गई थी। इसी मकसद से मुलाकात कर प्राधिकरण, सेल व सिरौता नदी के पुनर्जनन को कार्ययोजना बनवाने और क्रियान्वयन के लिए आग्रह किया। ताकि वह अपनी सरकार को इसके लिए प्रेरित कर सकें। एनआरडीएमएस सेंटर के माध्यम से नदी पुनर्जनन के कार्य किए जा रहे हैं। वहां नदी पुनर्जनन सेल स्थापित होने से बड़ा लाभ होगा। उत्तराखंड नदी पुनर्जनन प्राधिकरण बनने से जवाबदेही व जिम्मेदारी तय हो सकेगी। 

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