हल्द्वानी में प्राइवेट स्कूल खुले, विद्यार्थियों के आने की राह देखते रहे प्रबंधकों और शिक्षक

हल्द्वानी में मंगलवार से अधिकांश प्राइवेट स्कूल खुल गए हैं। कोरोना से बचाव की सभी तैयारियां पूरी कर विद्यार्थियों के आने की राह देख रहे प्रबंधकों और शिक्षकों का इंतजार बढ़ गया है। पहले दिन का हाल ये रहा कि कुछ स्कूलों में आधा दर्जन विद्यार्थी भी नहीं आये।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 04:35 PM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 04:35 PM (IST)
हल्द्वानी में प्राइवेट स्कूल खुले, विद्यार्थियों के आने की राह देखते रहे प्रबंधकों और शिक्षक
हल्द्वानी में प्राइवेट स्कूल खुले, विद्यार्थियों के आने की राह देखते रहे प्रबंधकों और शिक्षक

हल्द्वानी, जेएनएन : हल्द्वानी में मंगलवार से अधिकांश प्राइवेट स्कूल खुल गए हैं। कोरोना से बचाव की सभी तैयारियां पूरी कर विद्यार्थियों के आने की राह देख रहे प्रबंधकों और शिक्षकों का इंतजार बढ़ गया है। पहले दिन का हाल ये रहा कि कुछ स्कूलों में आधा दर्जन विद्यार्थी भी नहीं आये। वहीं शेष में कोई भी विद्यार्थी नहीं आया। प्राइवेट स्कूलों ने दीवाली के बाद स्कूल खोलने की बात शिक्षा विभाग से की थी। एसओपी के अनुसार तैयारी के लिए विभाग से समय मांगा था। इधर, कार्ययोजना शिक्षा विभाग को देने के बाद मंगलवार से प्राइवेट स्कूल खुले। लेकिन दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थी न के बराबर पहुंचे। अधिकांश स्कूलों में कक्षा कक्ष खाली दिखाई दिए।

स्कूलों में उपस्थिति

महर्षि स्कूल - 8 विद्यार्थी

बीरशिबा - 7 विद्यार्थी

बिड़ला स्कूल - एक भी नहीं

शिवालिक स्कूल - एक भी नहीं

क्वींस स्कूल - एक भी नहीं

ये भी रहा कारण

विद्यार्थियों के स्कूल न आने का सबसे बड़ा कारण यह भी रहा कि स्कूल प्रबंधनों ने स्पष्ट किया था कि यदि विद्यार्थी स्कूल आएंगे तो उन्हें पूरी फीस भरनी जरूरी होगी। जबकि ऑनलाइन पढ़ाई में ट्यूशन फीस के अलावा और कोई शुल्क नहीं लिया जाना है।

सरकारी स्कूलों ने डराया

स्कूल न पहुंचने का दूसरा सबसे बड़ा कारण यह भी रहा कि सरकारी स्कूलों में अब तक कोरोना संक्रमण के कई मामले सामने आ चुके हैं। बीते दिनों रामनगर के एक अशासकीय स्कूल में बच्चों के साथ साथ शिक्षक भी संक्रमित पाए गए थे। ऐसे हालातों को मद्देनजर रखते हुए अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने में कम ही दिलचस्पी दिखाई।

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