सरकारी स्‍कूलों में बच्‍चों की अच्‍छी उपस्थिति के बावजूद नहीं खोले जा रहे प्राइवेट स्कूल

विशेषज्ञ मानते हैं कि कोविडकाल में भौतिक कक्षाएं नहीं चलने से बच्चों की सीखने की क्षमता कम हुई है। कोरोना का डर अभी भी बना है लेकिन बच्चों के भविष्य की खातिर अभिभावक उन्हें सावधानी व सतर्कता के साथ स्कूल भेजना चाहते हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:17 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:17 AM (IST)
सरकारी स्‍कूलों में बच्‍चों की अच्‍छी उपस्थिति के बावजूद नहीं खोले जा रहे प्राइवेट स्कूल
सरकारी स्‍कूलों में 65 फीसद हुई बच्‍चों की अटेंडेंस, फिर भी प्राइवेट स्कूल संचालक खोलने को तैयार नहीं

गणेश पांडे, हल्द्वानी : विशेषज्ञ मानते हैं कि कोविडकाल में भौतिक कक्षाएं नहीं चलने से बच्चों की सीखने की क्षमता कम हुई है। कोरोना का डर अभी भी बना है, लेकिन बच्चों के भविष्य की खातिर अभिभावक उन्हें सावधानी व सतर्कता के साथ स्कूल भेजना चाहते हैं। पहले तीन दिनों की उपस्थिति ने इसे साबित भी किया है। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में उपस्थिति 50 से 65 प्रतिशत तक है।

प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त निजी स्कूल भले अभी 60 प्रतिशत ही खुले हैं, लेकिन उपस्थिति यहां भी 44 फीसद तक आ गई है। दूसरी तरफ सीबीएसई से मान्यता प्राप्त शहर के अधिकांश स्कूलों ने सरकार की गाइडलाइन को धता बनाकर स्कूल बंद रखे हैं। हल्द्वानी ब्लॉक में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या 52 है। अफसरों की लापरवाही का नुकसान छात्र-छात्राओं को हो रहा है।

धीरे-धीरे बढ़ रही संख्या

हल्द्वानी ब्लॉक में प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या 219 है। 21 सितंबर को 110, 22 को 125 तो 23 सितंबर को 131 स्कूल खुले। पहले दिन 50 प्रतिशत बच्चे उपस्थित रहे। दो दिन में आंकड़ा बढ़कर 44 प्रतिशत के करीब पहुंच गया। जाहिर है अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं। दूसरी ओर सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक सभी 172 स्कूल खुल रहे हैं।

आंकड़ों से समझिए बच्चों व अभिभावकों की मंशा

विवरण पंजीकृत बच्चे उपस्थिति प्रतिशत

राजकीय प्राथमिक स्कूल 11092 5609 50.6

राजकीय उच्च प्राथमिक 1925 1270 66.0

मान्यता प्राप्त निजी स्कूल 26131 11469 43.9

प्राइवेट स्कूल संचालकों के अपने तर्क

दस फीसद अभिभावक ही राजी : जोशी

हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के महासचिव मणिपुष्पक जोशी का कहना है कि उन्होंने बच्चों को स्कूल भेजने के संबंध में अभिभावकों से फीडबैक लिया। केवल आठ से 10 प्रतिशत अभिभावक बच्चों को भेजने के लिए हामी भर रहे हैं। पहले ही आर्थिक तंगी के बीच इतनी कम उपस्थिति में स्कूल खोलना संभव नहीं है।

एसओपी व्यावहारिक नहीं : भगत

सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सभी प्राथमिक स्कूल बंद हैं। हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश भगत ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कई खामी हैं। छोटे बच्चे बिना ट्रांसपोर्ट स्कूल नहीं आ सकते। स्कूलों के लिए बिना ट्रांसपोर्ट शुल्क परिवहन उपलब्ध कराना संभव नहीं है।

सीईओ का तर्क

मुख्य शिक्षाधिकारी नैनीताल केके गुप्ता ने बताया कि सीबीएसई के स्कूलों में छात्र संख्या अधिक है। ऐसे में शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए कक्षाएं संचालित करना संभव नहीं हो रहा। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों पर दबाव भी नहीं बनाया जा सकता।

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