फीस और तनख्वाह का ब्योरा सार्वजनिक करेंगे प्राइवेट स्कूल, शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
प्राइवेट स्कूलों को अब बच्चों से लिए जा रहे शुल्क और कोरोना काल में शिक्षकों को दिए जा रहे वेतन की डिटेल सार्वजनिक करनी होगी। स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर ये सभी जानकारियां अपलोड करनी होंगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : प्राइवेट स्कूलों को अब बच्चों से लिए जा रहे शुल्क और कोरोना काल में शिक्षकों को दिए जा रहे वेतन की डिटेल सार्वजनिक करनी होगी। स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर ये सभी जानकारियां अपलोड करनी होंगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है।
खंड शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी हरेंद्र कुमार मिश्रा की ओर से विकासखंड में सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद), आइसीएसई (इंडियन सर्टिफिकेट आफ एजुकेशन), उत्तराखंड बोर्ड से मान्यता प्राप्त व अन्य प्राइवेट स्कूलों को पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि विद्यालय में लिए जा रहे शुल्क, आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत पंजीकृत छात्रों की संख्या, आरटीई की प्रतिपूर्ति मांग, शिक्षकों की सूची और कोरोना काल में उन्हें दिए जा रहे वेतन की स्थिति प्रबंधक या प्रधानाचार्य से प्रमाणित कर संबंधित विद्यालय अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करेंगे।
जिन स्कूलों ने अब तक अपनी वेबसाइट नहीं बनाई है, उनसे भी जल्द वेबसाइट बनाकर उनमें इन सभी सूचनाओं को प्रदर्शित करने को कहा गया है। इतना ही नहीं, स्कूलों को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को इसकी जानकारी भी देनी होगी। खंड शिक्षा अधिकारी हरेंद्र कुमार मिश्रा ने मामले में किसी भी तरह की लापरवाही न दिखाने की सख्त हिदायत स्कूलों को दी है।
पीएसए ने उठाए सवाल
पब्लिक स्कूल एसोसिएशन हल्द्वानी के अध्यक्ष कैलाश भगत का मामले में कहना है कि फीस संबंधी पूरी जानकारी पूर्व में ही शिक्षा विभाग को दी जा चुकी है। फीस का पूरा स्ट्रक्चर स्कूलों की वेबसाइट पर अपलोड है। ऐसे में बार-बार एक ही जानकारी मांगना सही नहीं है। वहीं, शिक्षकों की फीस का ब्योरा सार्वजनिक करने का उन्होंने विरोध किया है। कहा कि कोरोना काल में आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद स्कूलों ने शिक्षकों और स्टाफ को जैसे-तैसे फीस दी है। इस जानकारी को सार्वजनिक करना कतई मंजूर नहीं है।
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