चंपावत में टीबी मरीजों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं करा रहे प्राइवेट प्रैक्टिशनर

कोरोना महामारी के शोर में टीबी का शोर दब गया है। चंपावत जनपद को मिले 546 टीबी मरीजों के सापेक्ष अभी तक मात्र 114 टीबी मरीज ही मिले हैं। इस लिहाज से जनपद प्रदेश में 12 वें स्थान पर है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 02 Oct 2020 03:00 PM (IST) Updated:Fri, 02 Oct 2020 03:00 PM (IST)
चंपावत में टीबी मरीजों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं करा रहे प्राइवेट प्रैक्टिशनर
चंपावत में टीबी मरीजों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं करा रहे प्राइवेट प्रैक्टिशनर

चम्पावत, जेएनएन : कोरोना महामारी के शोर में टीबी का शोर दब गया है। चंपावत जनपद को मिले 546 टीबी मरीजों के सापेक्ष अभी तक मात्र 114 टीबी मरीज ही मिले हैं। इस लिहाज से जनपद प्रदेश में 12 वें स्थान पर है। इसका मुख्य कारण है कि जनपद में प्राइवेट प्रैक्टिशनर स्वास्थ्य विभाग को सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह गुपचुप तरीके से टीबी मरीजों का उपचार कर रहे हैं लेकिन उनका डाटा स्वास्थ्य विभाग को अपडेट नहीं कर रहे हैं। जबकि पोर्टल में उनकी आइडी भी जनरेट हो चुकी है।

जनपद में टीबी क्लिनिक के साथ पांच बलगम जांच केंद्र बनाए गए हैं। इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग को 546 नए टीबी मरीजों की खोज का लक्ष्य दिया गया था। जनवरी से शुरू हुई इस प्रक्रिया में स्वास्थ्य विभाग के साथ प्राइवेट प्रैक्टिशनर की उदासीनता नजर आई। यही वजह है कि लक्ष्य प्राप्ति के सात माह बीतने के बाद मात्र 124 मरीजों की पहचान हो सकी। जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन मरीजों को दवा खाने व खिलाने तक का पैसा मरीज को दिया जाता है। यह लक्ष्य प्रदेश के लिहाज से 12 वें नंबर पर है। जो बेहद कम है।

पिछले माह हुई समीक्षा बैठक में डीएम सुरेंद्र नारायण पांडेय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए लक्ष्य को तेजी से प्राप्त करने के आदेश दिए। इस पहल में स्वास्थ्य विभाग ने कुछ गति तो पकड़ी लेकिन प्राइवेट प्रैक्टिशनर इसमें सहयोग नहीं कर रहे हैं। यह लोग गुपचुप तरीके से टीबी मरीजों का इलाज कर रहे हैं लेकिन यह लोग मरीजों का डाटा जिला क्षय नियंत्रण केंद्र को नहीं दे रहे हैं। इससे मरीजों का डाटा पोर्टल पर अपडेट नहीं हो पा रहा है।

बाराकोट बलगम जांच केंद्र पड़ा है बंद

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह यादव ने बताया कि जनपद में बने पांच बलगम केंद्र में बाराकोट केंद्र बंद पड़ा हुआ है। वहीं चम्पावत में लैब टेक्निशियन नहीं है और पाटी लोहाघाट जांच केंद्र में तैनात लैब टेक्निशियन से कोविड में कार्य लिया जा रहा है। जिस कारण यहां भी जांच नहीं हो पा रही है। अकेले टनकपुर जांच केंद्र में ही काम चल रहा है।

यह प्राइवेट अस्पताल है नोटिफाइड

डॉ. यादव ने बताया कि टीबी जांच व उपचार के लिए चम्पावत में कर्नाटक व जीवन अनमोल अस्पताल, लोहाघाट में पुनेठा अस्पताल तथा टनकपुर में तुषार, चंद, आलोक अस्पताल तथा सैयद क्लिीनिक नोटिफाइड है।

यह है मरीजों की स्थिति

टनकपुर - 67

चम्पावत - 38

लोहाघाट - 07

पाटी - 02

बाराकोट - 00

जिला क्षय नियंत्रण केंद्र में जंक खा रही मशीनें

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यादव ने बताया कि केंद्र के मरम्मत का कार्य चल रहा है लेकिन वह बीच में ही रूक गया है। जिस कारण केंद्र में लाखों रुपये की लागत से आइ डिजिटल एक्सरे मशीन, ईसीजी मशीन जंक खा रही है।

प्राइवेट प्रैक्टिशनर के खिलाफ की जाएगी की कार्रवाई

जिला क्षय रोग अधिकारी, चम्पावत डॉ. कुलदीप सिंह यादव उने बताया कि जनपद में नए टीबी मरीजों की खोज का लक्ष्य 25 प्रतिशत हुआ है। जो गत वर्ष 75 प्रतिशत से बेहद कम है। इसमें प्राइवेट प्रैक्टिशनर का सहयोग न करना अहम कारण है। सभी प्राइवेट प्रैक्टिशनर को टीबी मरीजों का डाटा जिला क्षय नियंत्रण केंद्र में देने के लिए कहा गया है। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। 

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