गौड़ी पावर हाउस में प्रतिदिन पैदा होगी 200 किलोवाट बिजली, उरेडा और देहरादून की निजी कंपनी हुआ करार

चंपावत जिले में करी पच्चीस साल से बंद पड़े गौड़ी पावर हाउस के दिन फिर से बहुरने वाले हैं। उरेडा विभाग और देहरादून की निजी कंपनी हरिओम कंस्ट्रशन के बीच पावर हाउस को फिर से शुरू करने का अनुबंध हो गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 05:20 PM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 05:20 PM (IST)
गौड़ी पावर हाउस में प्रतिदिन पैदा होगी 200 किलोवाट बिजली, उरेडा और देहरादून की निजी कंपनी हुआ करार
गौड़ी पावर हाउस में प्रतिदिन पैदा होगी 200 किलोवाट बिजली, उरेडा और देहरादून की निजी कंपनी हुआ करार

चम्पावत, जागरण संवाददाता : चंपावत जिले में करी पच्चीस साल से बंद पड़े गौड़ी पावर हाउस के दिन फिर से बहुरने वाले हैं। उरेडा विभाग और देहरादून की निजी कंपनी हरिओम कंस्ट्रशन के बीच पावर हाउस को फिर से शुरू करने का अनुबंध हो गया है। उरेडा ने कंपनी को 35 साल की लीज पर पावर हाउस सौंप दिया गया है। कंपनी ने हाथों हाथ बंद पावर हाउस की नहर और टनल की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया है। पावर हाउस से रोजाना 200 किलोवाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। 

ढाई दशक पूर्व गौड़ी पावर हाउस को बंद करना पड़ा था। पृथक उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पावर हाउस को उरेडा को सौंप दिया गया था। स्थानीय स्तर पर बिजली उत्पादन को लेकर उरेडा के सामने पावर हाउस को फिर से संचालित करने की चुनौती थी। काफी प्रयासों के बाद अब उरेडा को इस दिशा में सफलता मिली है। उरेडा के परियोजना अधिकारी मनोज कुमार बजेठा ने बताया कि गौड़ी पावर हाउस को दोबारा से शुरू करने के लिए उरेडा ने बीते अक्तूबर में टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। 

विभाग का हरिओम कंस्ट्रक्शन कंपनी देहरादून के साथ अनुबंध हुआ है, जिसके तहत पावर हाउस को 35 साल के लिए लीज पर दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने करीब चार करोड़ रुपये की लागत से मशीन मरम्मत, नहर में लीकेज बंद करने और चैनल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। बताया कि पावर हाउस से प्रतिदिन दो सौ किलोवाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। पावर हाउस से उत्पादित बिजली उर्जा निगम को बेची जाएगी। इससे होने वाली आय का एक हिस्सा सरकार के खाते में जाएगा। पावर हाउस में दो टरबाइन लगाए जाएंगे। 

चार करोड़ से होगा मरम्मत का कार्य

जनपद मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित गौड़ी पावर हाउस को पुनर्जीवित करने की कवायद शुरू हो गई है। हरिओम कंस्ट्रक्शन कंपनी ने चार करोड़ रुपये खर्च कर मशीन मरम्मत, नहर में लीकेज बंद करने और चैनल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। उत्पादित बिजली को कंपनी यूपीसीएल को बेचेगी। बिजली बेचने से होने वाली आय का कुछ हिस्सा सरकार के खाते में जाएगा। 

1960 में हुआ था गौड़ी पावर हाउस का निर्माण

गौड़ी पावर हाउस का निर्माण वर्ष 1960 में हुआ था। उप्र के तत्कालीन सीएम चंद्रभानु गुप्ता ने पावर की नींव रखी थी। पावर हाउस से उस समय चम्पावत व लोहाघाट नगर, एबट माउंट और मायावती आश्रम रोशन होते थे। ग्रिड लाइन बनने के बाद वर्ष 1995 में पावर हाउस बंद हो गया। राज्य बनने के बाद पावर हाउस को उरेडा को हस्तांतरित किया गया। उरेडा तब से ही गौड़ी पावर हाउस को दोबारा से संचालित करने की योजना बना रहा था। विभाग को इस कार्य में अब सफलता मिली है।

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