Double Murder News Rudrapur : बुढ़ापे का सहारा दो बेटे बन गए कंधे की अर्थी, बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
पांच फीट की मेड़ काल भी बन सकती है ऐसा प्रीतम सिंह ने नहीं सोचा होगा। जानकारी के मुताबिक प्रीतम ने तो हत्यारोपित राकेश को उसके मनचाहे तरीके से विवाद निपटाने का भरोसा भी दिया था लेकिन अधीरता ने उससे घृणित अपराध करा दिया।
रुद्रपुर, संदीप जुनेजा : पांच फीट की मेड़ काल भी बन सकती है, ऐसा प्रीतम सिंह ने नहीं सोचा होगा। जानकारी के मुताबिक प्रीतम ने तो हत्यारोपित राकेश को उसके मनचाहे तरीके से विवाद निपटाने का भरोसा भी दिया था, लेकिन अधीरता ने उससे घृणित अपराध करा दिया। प्रीतम सिंह के दोनों बेटे गुरकीर्तन सिंह व गुरपेज सिंह स्कूल बस चलाने का काम करते थे।
लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के कारण वे पिता का हाथ बंटाने को धान की बोवाई करा रहे थे। दोनों के एक-एक बेटा-बेटी हैं। पूरा परिवार हंसी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहा था। गांव के लोग भी दोनों भाइयों के व्यवहार के कायल थे। लेकिन मंगलवार को प्रीतम सिंह के हंसते परिवार पर अमंगल की छाया पड़ गई। दो बेटों की लाश देख प्रीतम गुमसुम हो गया और उसके पोते-पोती अनाथ। बुढ़ापे में कंधों का सहारा पाने के बजाय प्रीतम के कंधे दो जवान बेटों की अर्थी का अपार बोझ ढोने को लाचार बन गईं।
श्रमिक नहीं कुछ बोलने को तैयार
घटनास्थल से लगी हुई जमीन पर श्रमिक निवास करते हैं। पुलिस ने जब उनसे घटना के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। श्रमिक बोले 'हम तो अपने कमरे में सो रहे थे, इस बारे में कुछ भी नहीं पता है।
अचानक घर से रायफल लेकर आया और कर दी हत्या
धान की रोपाई की तैयारी कर रहे दोनों भाई हत्यारोपित राकेश मिश्रा के खेत से लगी अपनी मेड़ की लिपाई कर रहे थे। ताकि खेत में भरा पानी बाहर न निकल सके और आसानी से धान की रोपाई हो सके। वहां से गुजर रहा राकेश यह देखकर बौखला गया। धमकी देते हुए वह वहां से निकला और घर से रायफल लाकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दोनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया।
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