एसडीएम की जांच में प्रधान का ओबीसी जाति प्रमाण पत्र अवैध मिला, हाथ से जाएगी प्रधानी की कुर्सी !

बाजपुर के जगन्नाथपुर की प्रधान की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। एसडीएम की जांच में प्रधान का ओबीसी जाति प्रमाण पत्र अवैध पाया गया है। इस मामले को डीएम ने गंभीरता से लेते हुए प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब देने को कहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:30 AM (IST)
एसडीएम की जांच में प्रधान का ओबीसी जाति प्रमाण पत्र अवैध मिला, हाथ से जाएगी प्रधानी की कुर्सी !
एसडीएम की जांच में प्रधान का ओबीसी जाति प्रमाण पत्र अवैध मिला, हाथ से जाएगी प्रधानी की कुर्सी

रुद्रपुर, जागरण संवाददाता : बाजपुर के ग्राम जगन्नाथपुर की प्रधान की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। एसडीएम की जांच में प्रधान का ओबीसी जाति प्रमाण पत्र अवैध पाया गया है। इस मामले को डीएम ने गंभीरता से लेते हुए प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब देने को कहा है। माना जा रहा है कि प्रधान की कुर्सी जानी तय है। इसे लेकर ग्रामीणों में खलबली मची है।

ऊधमसिंहनगर जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगस्त, 2019 में हुआ था। बाजपुर के ग्राम प्रधान पद पर रमनीक शर्मा पत्नी विकास शर्मा ने निर्वाचन में ओबीसी की जट सिख जाति का प्रमाण पत्र संलग्न किया था। रमनीक शर्मा चुनाव जीत भी गईं। गांव के ही सरताज जहां ने प्रशासन व शासन को शिकायत पत्र देकर प्रधान के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र की जांच कराने की मांग की। हालांकि यह मामला हाईकोर्ट में भी चल रहा है। प्रशासन ने तत्कालीन एसडीएम एपी बाजपेइ ने जांच सौंप दी।

एसडीएम बाजपेई ने 21 अगस्त, 2020 को डीएम को रिपोर्ट सौंप दी। एसडीएम की जांच में यह पाया गया कि रमनीक शर्मा ने जो जट सिख जाति का प्रमाण लगाया है, वह वर्ष, 2008 का है। जबकि 22 मार्च, 2010, 28 जनवरी, 2012, 30 मई, 2012 व 26 फरवरी, 2016 के शासनादेश के अनुसार जट सिख जाति को ओबीसी से बाहर कर दिया गया है। डीएम रंजना राजगुरु ने पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 138 के तहत निर्वाचन अवैध होने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर प्रधान से 15 दिन में जवाब देने को कहा गया है।

अधिकारियों के मुताबिक जट सिख जाति ओबीसी श्रेणी में नहीं आती है। इसलिए प्रधान का निर्वाचन अवैध होना तय है। साथ ही कुर्सी भी जा सकती है। हालांकि यह मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। इसलिए कारण बताओ नोटिस जारी करने में विलंब हो गया था। इसे लेकर ग्रामीणों में हड़कंप मचा है। यदि रमनीक शर्मा की प्रधानी गई तो उप प्रधान को प्रधान का चार्ज दिया जाएगा। यह चार्ज तब तक रहेगा, जब प्रधान पद का चुनाव नहीं हो जाता है। जिला पंचायतीराज अधिकारी विद्या सिंह सोमनाल ने बताया कि रमनीक शर्मा ने जट सिख जाति का प्रमाण पत्र चुनाव में लगाया था, जबकि यह जाति अोबीसी श्रेणी में शामिल नहीं है।

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