हल्‍द्वानी में बिक रहा घटिया गुणवत्ता का दूध, तेल, मसाला, जांच के लिए भेजे गए नमूने फेल

एक बार फिर शहर में बिक रहे तमाम खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता घटिया पाई गई है। इसमें प्रतिष्ठित ब्रांड का तेल मसाला व ड्राई फ्रुट के अलावा खुले में बिकने वाला दूध भी शामिल है। जांच में सभी अधोमानक पाए गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 09:35 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 09:35 AM (IST)
हल्‍द्वानी में बिक रहा घटिया गुणवत्ता का दूध, तेल, मसाला, जांच के लिए भेजे गए नमूने फेल
हल्‍द्वानी में बिक रहा घटिया गुणवत्ता का दूध, तेल, मसाला, जांच के लिए भेजे गए नमूने फेल

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : एक बार फिर शहर में बिक रहे तमाम खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता घटिया पाई गई है। इसमें प्रतिष्ठित ब्रांड का तेल, मसाला व ड्राई फ्रुट के अलावा खुले में बिकने वाला दूध भी शामिल है। जांच में सभी अधोमानक पाए गए हैं। इन खाद्य पदार्थों को बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी कैलाश चंद्र टम्टा ने बताया कि वर्ष 2020 में मार्च में बेस अस्पताल की कैंटीन से दूध व आटा, रामपुर रोड पंकज ट्रेडर्स प्रतिष्ठान से कच्ची धानी सरसों तेल का सैंपल लिया था।

दीपावली में रामनगर से हल्द्वानी की ओर बस से लाए जा रहे खोया का सैंपल भरा था। यह खोया रामनगर के गोविंद बल्लभ की फर्म से भेजा जा रहा था। कालाढूंगी रोड हल्द्वानी ईजी डे से धनिया पाउडर, ब्लॉक कार्यालय के पास एक मोटर साइकिल से दूध का नमूना लिया था। मार्च, 2021 में अमरावती कॉलोनी स्थित भट्ट ट्रेडिंग कंपनी से बादाम, जून, 2021 को विशाल मेगा मार्ट से कच्ची धानी सरसों के तेल व रिलायंस लिमिटेड कमलुवागांजा से सरसों तेल का नमूना लिया था। ये सभी उत्पाद खाद्य सुरक्षा लैब रुद्रपुर की जांच रिपोर्ट में अधोमानक पाए गए हैं। यानी कि ये उत्पाद जिस गुणवत्ता के होने चाहिए, उससे कम के हैं।

समय पर नहीं आती है रिपोर्ट

सामान्य तौर पर जांच लैब से 14 दिन में रिपोर्ट आ जानी चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। इस बार भी अधिकांश खाद्य उत्पादों की जांच रिपोर्ट आठ महीने बाद आई है। कुछ उत्पादों की रिपोर्ट एक-दो महीने में आई है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदेह होने पर किसी खाद्य उत्पाद का नमूना भरते हैं। इसे जांच के लिए भेजा जाता है, लेकिन जब तक जांच रिपोर्ट आती है। तब तक पूरा सामान बिक चुका होता है।

ये हो सकती है कार्रवाई

अधोमानक पाए गए उत्पादों के मामले में न्यायालय में सुनवाई होगी। अगर रिपोर्ट सही पाई गई तो खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 51 के तहत पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।

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