निगम चुनाव में "विकास" की राजनीति, सपा महानगर अध्यक्ष को पार्टी से निकाला
निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। प्रचार के लिए केवल चार दिन शेष रह गए हैं। भाजपा हो कांग्रेस, दोनों दल अपने-अपने स्तर से वोटरों को लुभाने में जुटे हैं।
नैनीताल, (जेएनएन) : निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। प्रचार के लिए केवल चार दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में प्रचार चरम पर है। भाजपा हो कांग्रेस, दोनों दल अपने-अपने स्तर से वोटरों को लुभाने में जुटे हैं। इस चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप से ज्यादा विकास का मुद्दा छाया हुआ है।
कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी सुमित हृदयेश अपनी माता नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के पिछले कार्यकाल के समय हुए विकास कार्यों को गिना रहे हैं। शहर से लेकर गांवों तक सड़कें बनाए जाने, अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने के अलावा अंतरराष्ट्रीय जू, आइएसबीटी समेत बड़ी परियोजनाओं को विकास का बड़ा आधार बता समर्थन मांग रहे हैं। इसके साथ ही नए विकास का वादा भी किया जा रहा है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के मेयर प्रत्याशी डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला निवर्तमान मेयर रहे हैं। ऐसे में भाजपा उनके पिछले कार्यकाल के विकास कार्यों को गिना रही है। नामांतरण प्रक्रिया, सेल्फ एसेसमेंट प्रक्रिया, दुकान की रिपेयर करने की प्रक्रिया का सरलीकरण करने के साथ ही कूड़ा प्रबंधन, कर्मचारियों की वेतन व पेंशन व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही पथ-प्रकाश की बेहतर व्यवस्था किए जाने का दावा किया जा रहा है। इसके साथ ही भाजपा नेता व कार्यकर्ता अपने मेयर प्रत्याशी के समर्थन में केंद्र व राज्य सरकार के विकास कार्यों के जरिये वोट मांगते हुए नजर आ रहे हैं।
सपा महानगर अध्यक्ष पार्टी से निष्कासित : संगठन विरोधी गतिविधियों में लिप्त मिलने पर सपा के महानगर अध्यक्ष अबू तसलीम को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। छह साल के लिए तसलीम को संगठन से निकाला गया है। सपा के निकाय चुनाव प्रभारी शुभलेश यादव ने बताया कि रविवार शाम प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित सभा के दौरान तसलीम ने अनुशासनहीनता दिखाई थी। उन्होंने माइक छीनने के साथ कुर्सियां तक फेंकी। साथ ही एक कार्यकर्ता से उलझ पड़े। जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप रावत की संस्तुति पर उन्हें संगठन से निकाल गया।
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