हल्द्वानी में डेमोग्राफिक चेंज से बदल रहा राजनीतिक समीकरण, खुफिया विभाग अलर्ट
हल्द्वानी तेजी से बदल रहा है। शहर के एक हिस्से में विस्तार ले रहा जनसांख्यिकीय बदलाव (डेमोग्राफिक चेंज) राजनीतिक समीकरण बदलने की स्थिति तक पहुंच चुका है। सरकार के सख्त निगरानी के आदेश के बाद खुफिया एजेंसियां वर्तमान हालात का आकलन करने में जुटी हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कुमाऊं की व्यावसायिक व राजनीतिक राजधानी कहा जाने वाला हल्द्वानी तेजी से बदल रहा है। शहर के एक हिस्से में विस्तार ले रहा जनसांख्यिकीय बदलाव (डेमोग्राफिक चेंज) राजनीतिक समीकरण बदलने की स्थिति तक पहुंच चुका है। सरकार के सख्त निगरानी के आदेश के बाद खुफिया एजेंसियां वर्तमान हालात का आकलन करने में जुटी हैं। साथ ही शहर के बाहरी हिस्सों में भी हाल के वर्षों में आए परिवर्तन की रिपोर्ट जुटाई जा रही है।
शहर में रेलवे स्टेशन के पास रेल महकमे की 32 हेक्टेयर से अधिक जमीन है। रेलवे सुविधाओं के विस्तार के लिए लंबे समय से इस भूमि की जरूरत महसूस की जाती रही है। 40-45 वर्ष पूर्व इस भूमि में धीरे-धीरे अतिक्रमण होना शुरू हुआ। शुरुआत में कुछ लोग ही बसे थे मगर तब रेलवे और स्थानीय प्रशासन भी मूकदर्शक बने रहे। जब विस्तार होता गया तो खुफिया एजेंसियों ने भी आशंका जताई थी कि यहां बस रहे समुदाय विशेष के कुछ लोग पड़ोसी राज्य से तो कुछ बांग्लादेशी मूल के भी हो सकते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र में कुल 114739 मतदाता थे।
इसमें 40 हजार वोटर एक बड़े हिस्से के ही हैं, जो हल्द्वानी में राजनीतिक समीकरण बनाने व बिगाडऩे की स्थिति में हैं। पिछले वर्षों में खुफिया एजेंसियों ने ही आकलन किया था कि सर्दियों में बाहरी राज्यों से लोग यहां फड़ व ठेली लगाकर गर्म कपड़े, जूते व मोजे आदि बेचते हैं। इसके बाद शहर के ही क्षेत्र विशेष में शिफ्ट हो जाते हैं। एक अरब से अधिक का राजस्व सरकार को देने वाली गौला नदी के खनन कारोबार में भी वर्चस्व समुदाय विशेष का बढ़ गया है। खुफिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हल्द्वानी के गौजाजाली, पुरानी आइटीआइ, इंदिरानगर, बागजाला वन भूमि पट्टे व काठगोदाम क्षेत्र में भी जनसांख्यिकीय बदलाव तेजी से हुआ है। डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि समुदाय विशेष की हल्द्वानी में क्या स्थिति है खुफिया एजेंसियों इसकी जांच कर रही है। सत्यापन पूरा होने के बाद ही पता चलेगा की वर्तमान स्थिति क्या है? कुमाऊं के हर जिले में डेमोग्राफिक चेंज की जांच हो रही है।
रेलवे की भूमि मामला न्यायालय में
हल्द्वानी में रेलवे की 32 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए गौलापार हल्द्वानी के आरटीआइ एक्टिविस्ट रविशंकर जोशी लड़ाई लड़ रहे हैं। जोशी ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका डाली थी। हाईकोर्ट ने रेलवे की भूमि को खाली कराने का सख्त आदेश दिए। जिससे राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया था। सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तियों पर सुनवाई कर मामलों को तीन महीने में निस्तारित करने के आदेश दिए और मामला वापस हाईकोर्ट भेज दिया था। हाई कोर्ट के आदेशों का पालन न होने पर दिसंबर 2020 में अवमानना याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने डीआरएम इज्जतनगर को नोटिस जारी किया। इसके बाद आपत्तियों के निस्तारण प्रक्रिया में तेजी लाई गई है।