पुलिस के रिश्तेदार और फर्जी दारोगा ने हल्‍द्वानी में अफसर को ठगा था, दो गिरफ्तार

हल्‍द्वानी के लोहरियासाल तल्ला निवासी स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक को झांसे में लेकर अंगूठी व चेन ठगने वाले दो लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया। पकड़ा गया अलीगढ़ निवासी एक आरोपित पिछले 35 साल से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 06:49 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 06:49 PM (IST)
पुलिस के रिश्तेदार और फर्जी दारोगा ने हल्‍द्वानी में अफसर को ठगा था, दो गिरफ्तार
पुलिस के रिश्तेदार और फर्जी दारोगा ने हल्‍द्वानी में अफसर को ठगा था, दो गिरफ्तार

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : हल्‍द्वानी के लोहरियासाल तल्ला निवासी स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक को झांसे में लेकर अंगूठी व चेन ठगने वाले दो लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया। पकड़ा गया अलीगढ़ निवासी एक आरोपित पिछले 35 साल से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। उत्तराखंड में सात व उत्तर प्रदेश में उस पर चार मुकदमें दर्ज हैं। उसके कुछ रिश्तेदार पुलिस में नौकरी करते हैं। दारोगा की वर्दी पहन वह लोगों को प्रभाव में लेने की कोशिश करता था। इस मामले में काशीपुर पुलिस ने दो साल पहले उसे गिरफ्तार भी किया था। 

लोहरियासाल तल्ला की मंगला कालोनी निवासी डा. प्रमोद चंद्र गुरुरानी 19 जनवरी की दोपहर घर के बाहर टहल रहे थे। इस दौरान बाइक सवार दो व्यक्ति उनके पास आए और पैर छूकर घर-परिवार का हाल-चाल पूछना शुरू कर दिया। विश्वास में लेने के बाद एक आरोपित ने अंगूठी व चेन की तारीफ करने के बाद फोटो खींचने के बहाने उतरवा भी ली। आभूषण हाथ लगते ही दोनों फरार हो गए। जिसके बाद से पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी। जांच के दौरान एसओ मुखानी सुशील कुमार ने 90 कैमरे खंगालने के बाद मोहल्ला राजनगर थाना हरदूवागंज अलीगढ़ निवासी विनोद कुमार शर्मा व कालीचरण निवासी थाना डोहरिया बिथरी चैनपुर जिला बरेली को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से अंगूठी व चेन भी बरामद हुई। 

रविवार को पुलिस बहुद्देश्यीय भवन में प्रेसवार्ता के दौरान एसपी डा. जगदीश चंद्र व सीओ भूपेंद्र सिंह धौनी ने बताया कि विनोद शर्मा का अलीगढ़ पुलिस लाइन के बगल में घर है। बचपन से उसे पुलिस में जाने का शौक था। लेकिन हाइस्कूल फेल होने के कारण भर्ती में शामिल न हो सका। विनोद के कई रिश्तेदार उत्तर प्रदेश पुलिस में है। उन लोगों से वह पुलिस से जुड़ी जानकारी लेता-रहता था। उसके पास उत्तर प्रदेश पुलिस की दो स्टार लगी वर्दी भी है। जिसे पहन वह लोगों के बीच प्रभाव जमाता था। वहीं, दूसरे आरोपित कालीचरण से उसकी मुलाकात दून जेल में हुई थी। कालीचरण पहली बार उसके संग किसी घटना में शामिल हुआ था। गिरफ्तारी टीम में चौकी इंचार्ज निर्मल लटवाल, महेश जोशी, त्रिभुवन जोशी आदि शामिल रहे।

बाप-बेटे दोनों ठग: एसपी सिटी डा. जगदीश चंद्र ने बताया कि विनोद अपने बेटे विवेक संग ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था। वर्तमान में विवेक मेरठ जेल में बंद है। कानपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, मथुरा, आगरा, संभल, सहारनपुर, हरिद्वार, देहरादून व हल्द्वानी में इनके द्वारा लोगों को झांसे में लेकर आभूषण ठगे गए। पिछले साल 25 अक्टूबर को ही विनोद देहरादून जेल से बाहर आया था।

वर्दी में सोना बेचने मुरादाबाद जाता: मुख्य आरोपित विनोद शर्मा इन दिनों रामनगर के गुल्लरहट््टी में किराए पर रह रहा था। मोहल्ले में भी उसने खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस का दारोगा बताया। वर्दी में घूमने और बाइक में पुलिस लोगो होने के कारण चेकिंग में उसे कोई रोकता तक नहीं था। एसओ सुशील कुमार के मुताबिक ठगी के बाद वह वर्दी पहन आभूषण बेचने के लिए सीधा मुरादाबाद पहुंच जाता। मगर इस बार पुलिस के हत्थे चढ़ गया।  

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