मिताड़ी गांव में लगेगी पिथौरागढ़ जिले की पहली गोमूत्र अर्क उत्पादन यूनिट

तमाम बीमारियों के उपचार में रामबाण साबित हो रहे गोमूत्र के जरिये जिले के लोगों को रोजगार देेने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए जिले के मिताड़ीगांव में जिले की पहली गोमूत्र अर्क उत्पादन यूनिट लगाई जा रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 06:53 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 06:53 AM (IST)
मिताड़ी गांव में लगेगी पिथौरागढ़ जिले की पहली गोमूत्र अर्क उत्पादन यूनिट
मिताड़ी गांव में लगेगी पिथौरागढ़ जिले की पहली गोमूत्र अर्क उत्पादन यूनिट

पिथौरागढ़, संवाद सहयोगी : तमाम बीमारियों के उपचार में रामबाण साबित हो रहे गोमूत्र के जरिये जिले के लोगों को रोजगार देेने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए जिले के मिताड़ीगांव में जिले की पहली गोमूत्र अर्क उत्पादन यूनिट लगाई जा रही है। केंद्र सरकार ने इस यूनिट के लिए पांच लाख की धनराशि जिले को दी है।

सीमांत जिले पिथौरागढ़ में बड़ी संख्या में गो पालन होता है। गोमूत्र की देश के बाजार में भारी मांग है। इसमें उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में मिलने वाली बद्री गाय के गोमूत्र की मांग ज्यादा है। गोमूत्र का अर्क निकालकर विभिन्न कंपनियां अपने उत्पाद बाजार में बेच रही हैं। इसके जरिये जिले के लोगों को रोजगार देने के प्रयास लंबे समय से चल रहे थे।

विकास विभाग ने जिले में एक गोमूत्र अर्क उत्पादन एवं संग्रहण केंद्र बनाने का प्रस्ताव बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) के तहत केंद्र सरकार को प्रेषित किया था। जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इसकेलिए पांच लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। केंद्र कनालीछीना विकास खंड के मिताड़ी गांव में बनाया जाएगा। आस-पास के गांवों से गोमूत्र का संकलन कर इसका अर्क निकालने के बाद इसे बाजार में लाया जाएगा।

पिथौरागढ़ के जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी ने बताया कि कनालीछीना विकास खंड के मिताड़ीगांव में गोमूत्र अर्क एवं संग्रहण केंद्र खोला जा रहा है। इसके लिए बीएडीपी योजना के तहत पांच लाख की धनराशि प्राप्त हुई है। केंद्र स्थापित हो जाने के बाद आस-पास के ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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