कुमाऊं में रातभर रह रहकर होती रही बारिश, पिथौरागढ़ का शेष जगत से संपर्क कटा

कुमाऊं में बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के कारण तापमान में जहां काफी गिरावट आई है वहीं नदी-नाले भी उफान पर आ गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 08:00 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 09:42 AM (IST)
कुमाऊं में रातभर रह रहकर होती रही बारिश, पिथौरागढ़ का शेष जगत से संपर्क कटा
कुमाऊं में रातभर रह रहकर होती रही बारिश, पिथौरागढ़ का शेष जगत से संपर्क कटा

नैनीताल, जेएनएन : कुमाऊं में बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के कारण तापमान में जहां काफी गिरावट आई है वहीं नदी-नाले भी उफान पर आ गए हैं। लैंडस्लाइड का भी खतरा बढ़ गया है। पहाड़ के जिलों में बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पिथौरागढ़ में ऑल वेदर रोड पर मलबा आ जाने के कारण शेष जगत से संपर्क कट गया है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि पिथौरागढ़, नैनीताल, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर जिले में शुक्रवार को कुछ स्थानों पर तीव्र दौर के साथ भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। प्रदेश में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जाहिर की गई है। बता दें कि इस पूरे कुमाऊं में बाद बादल छाए हैं। और बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ़, रुद्रपुर और हल्द्वानी में बारिश का सिलसिला जारी है।

पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाले रास्ते समेत 33 मार्ग बंद

पिथौरागढ़ में बारिश का कहर जारी है। जिले में रात भर बारिश के कारण घाट-पिथौरागढ़ के मध्य आलवेदर रोड पर मलबा बाने कारण आवागमन ठप हो गया है। ऐसे में पिथौरागढ़ का अन्य जिलों से संपर्क पूरी तरह से भंग हो गया है। वहीं धारचूला नगर में ग्वाल गांव में भारी भूस्खलन हुआ है। नगर क्षेत्र में हुए भूस्खलन से दहशत बनी है। काली नदी का जलस्तर चेतावनी लेवल से ऊपर पहुंच गया है। मुनस्यारी के आपदा प्रभावित धापा गांव में पहाड़ी से विशाल बोल्डर गांव में गिरे। बोल्डर की चपेट में आने से एक ग्रामीण घायल हो गया। जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाले तीनों रास्ते समेत 33 सड़कें बंद हैं।

बारिश से बागेश्वर में सात मकान क्षतिग्रस्त

बागेश्वर जिले में बारिश का सिलसिला जारी है। गरुड़ और बागेश्वर में सात मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिससे 51 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। वहीं, 24 सड़कों पर मलबा आने से वह यातायात को बंद हो गईं हैं। जिससे करीब एक लाख से अधिक जनसंख्या प्रभावित हो गई है। मकान, रास्ते, बिजली, पेयजल योजनाओं को भी बारिश से व्यापक नुकसान हुआ है। बारिश के कारण पोल और तार टूट गए हैं। जिससे शामा क्षेत्र के बड़ेत, हरसिंगिया बगड़, कलानी धार, डाना, लीती, शामा, रितकुला, सतगढ़, घुघुतिघोल, हाप्टी-कापड़ी, रातिरकेटी, मल्खाडुर्गचा, रिठकुला, गोगिना, कीमू, भनार समेत 40 गांव और गरुड़ के चीतरोइया, डंडाखाल, मुंगरी समेत चार गांवों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है।

अल्मोड़ा में दो सड़कें बंद, कोसी नदी में सिल्ट, पंप हाउस नौ घंटे ठप

अल्मोड़ा जिले में उच्च पर्वतीय इलाकों में अतिवृषि्ट से कोसी नदी में भारी मात्रा में सिल्ट जमा होने से पंप हाउस ने काम करना बंद कर दिया। इससे करीब नौ घंटे तक पंप चले ही नहीं। इससे नगर व आसपास के करीब 300 गांवों की जलापूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो गई। कोसी नदी के समीपवर्ती क्षेत्र दौलाघट में बुधवार की रात के बाद से गुरुवार सुबह तक तेज बारिश से पेयजल व्यवस्था लड़खड़ा गई। कई टन गाद नदी में पहुंचने से कोसी पंपिंग योजना के तीनों पंप ठप हो गए। नौ घंटे 15 मिनट तक सभी 10 जलाशयों तक पानी नहीं पहुंचाया जा सका। वहीं नौकचिया-रनथमल और दशौला-मेलटा मार्ग पर तमाम स्थानों पर भारी मात्रा में मलबा आने से बाधित हो गए हैं।

कोटाबाग ब्लाक मुख्यालय को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बंद

हल्द्वानी और रामनगर को कोटाबाग ब्लाक के गांवों और ब्लाक मुख्यालय को जोड़ने वाला कालाढूंगी-कोटाबाग मुख्य मार्ग ब्रह्मा बू बू मंदिर से दो किलोमीटर आगे पेड़ के गिर जाने के कारण सुबह 4:00 बजे से यातायात के लिए बंद है। सड़क के बंद हो जाने के कारण मार्ग में वाहनों की कतार लग गई। अभी लोक निर्माण विभाग की टीम नही पहुंची है।

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