पिथौरागढ़ का तीसरे दिन भी मैदानी क्षेत्रों से संपर्क भंग, दो एनएच, एक स्टेट हाइवे और 19 ग्रामीण मार्ग बंद

धारचूला मुनस्यारी और बंगापानी तहसीलों का जिला मुख्यालय से सम्पर्क भंग है। दो एनएच एक स्टेट हाइवे छह सीमा मार्ग और 19 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। उच्च हिमालय भू भाग अलग-थलग है। उच्च हिमालय में हिमपात के बाद मौसम साफ है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 11:48 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 11:48 PM (IST)
पिथौरागढ़ का तीसरे दिन भी मैदानी क्षेत्रों से संपर्क भंग, दो एनएच, एक स्टेट हाइवे और 19 ग्रामीण मार्ग बंद
तीन दिन से सब्जी, गैस की आपूर्ति नहीं होने से नगर सहित जिले में सब्जी की किल्लत बनी है।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: सीमांत में बारिश का दौर समाप्त हो चुका है। तीन दिन की बारिश से जनजीवन अभी भी अस्त व्यस्त है। काली और सरयू नदी अभी भी चेतावनी लेवल पर बह रही हैं। सीमांत जिले का बाहरी और मैदानी जिलों से तीसरे दिन भी सम्पर्क भंग है। धारचूला, मुनस्यारी और बंगापानी तहसीलों का जिला मुख्यालय से सम्पर्क भंग है। दो एनएच, एक स्टेट हाइवे , छह सीमा मार्ग और 19 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। उच्च हिमालय भू भाग अलग-थलग है। उच्च हिमालय में हिमपात के बाद मौसम साफ है। मार्ग बंद होने से माइग्रेशन करने वाले ग्रामीणों के सम्मुख चुनौती बनी है।

तीन दिन से सब्जी, गैस की आपूर्ति नहीं होने से नगर सहित जिले में सब्जी की किल्लत बनी है। नगर में सब्जी नहीं होने से अधिकांश सब्जियों की दुकान बंद हैं। खुली दुकानों में भी आलू , प्याज और स्थानीय सीमित सब्जी से अधिक कुछ नहीं है। गैस की आपूर्ति नहीं होने से 1500 के बैगलॉक हो चुका है। पूरे जिले में मंगलवार की सायं चार बजे से जिले का संचार सम्पर्क भंग हो चुका है। आपदा से हुए नुकसान की सूचना तक उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। बुधवार सुबह तक जिले में बारिश होती रही । सुबह से मौसम साफ होने से जनता को राहत मिली है। 

मार्ग बंद होने  से यहां पर फंसे पर्यटक केएमवीएन के पर्यटक आवास गृहों में हैं। कोलकाता के दो और हरियाणा के तीन कुल पांच पर्यटक मुुनस्यारी के उच्च ़ेेहिमालय में रिलकोट स्थित आइटीबीपी कैंप में हैं। व्यास घाटी में पर्यटकों की सूचना अभी तक नहीं मिली है। धारचूला के व्यास घाटी में आज से प्रारंभ होने वाले शिवोत्सव के लिए दर्जनों अधिकारी और कर्मचारी गुंजी में हैं। तवाघाट- लिपुलेख मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय से ग्रामीण और कर्मी नहीं आ पा रहे हैं। बीआरओ मार्ग खोलने में जुटा है। उच्च हिमालयी सभी गांवों में हिमपात हो चुका है।

बैंक, पोस्टआफिस में नहीं हो सका कामकाज, खाली हाथ वापस लौटे लोग 

संचार सेवाओं ने अब आम जीवन में कितनी गहरी पैठ बना ली है, इसकी पुष्टि पिछले दो दिनों में हो गई है। संचार कंपनियों के नेटवर्क बैठ जाने से सीमांत जिले में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बुधवार को भी संचार सेवाएं ठप रही है। सरकारी कामकाज के साथ ही साथ तमाम कार्य बाधित रहे। संदेशों का आदान प्रदान नहीं होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 

जिले में बीएसएनएल, जियो, एअरटेल, वीआई की सेवाएं बुधवार को पूरी तरह ठप रही। मंगलवार को दोपहर बाद चल रही बीएसएनएल की सेवा भी देर रात ठप पड़ गई। लोग सुबह जागे तो सारे ही नेटवर्क गायब मिले। जरू री संदेश भी लोग नहीं भेज पाए। बैंक, पोस्टआफिस में लेन देन के लिए पहुंचे लोगों को नेटवर्क नहीं होने से खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की आनलाइन पढ़ाई ठप रही। सीएससी सेंटर संचालक पूरे दिन हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे।

एक भी नेटवर्क संचालित नहीं होने से प्रशासनिक कार्य भी बाधित हुआ। आपदा से हुए नुकसान की सूचनाओं का आदान प्रदान नहीं हो सका। बंद पड़ी सड़कों की स्थिति जानने के लिए तमाम लोग जिला कार्यालय पहुंचे। वायरलैस सैट के माध्यम से सड़कों का अपडेट उपलब्ध हो पाया। सरकारी कंपनी बीएसएनएल सहित निजी कंपनियों की ओएफसी लाइन कई जगह कट जाने से सेवाओं में व्यवधान आया है। लाइन जोडऩे की कार्रवाई चल रही है। देर सायं तक सेवाओं के बहाल होने की उम्मीद संचार कंपनियों की ओर से जताई गई है।

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