श्राद्ध पक्ष में पौधे लगाने से देवता व पितर होंगे हैं प्रसंन्न, जाने कौन से पौधे लगाना होगा बेहतर

पूर्वजों के सम्मान व आत्मा के तारण के लिए तर्पण व श्राद्ध कर्म करने का विधान है। सोलह श्राद्ध में व्यक्ति अपने दिवंगत पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म तर्पण आदि करता है। श्राद्ध पक्ष में पौधे लगाने का भी महत्व है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 10:23 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 10:23 AM (IST)
श्राद्ध पक्ष में पौधे लगाने से देवता व पितर होंगे हैं प्रसंन्न, जाने कौन से पौधे लगाना होगा बेहतर
श्राद्ध पक्ष में पौधे लगाने से देवता व पितर होंगे हैं प्रसंन्न, जाने कौन से पौधे लगाना होगा बेहतर

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पूर्वजों के सम्मान व आत्मा के तारण के लिए तर्पण व श्राद्ध कर्म करने का विधान है। सोलह श्राद्ध में व्यक्ति अपने दिवंगत पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म, तर्पण आदि करता है। श्राद्ध पक्ष में पौधे लगाने का भी महत्व है। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी बताते हैं कि पौधों का जितना संबंध देवों से है, उतना ही पितरों से भी है।

श्राद्ध पक्ष में तुलसी, पीपल, बरगद, बिल्व पत्र और अशोक के पौधे लगाए जाएं तो पितरों की आत्मा को तृप्ति और मुक्ति दोनों मिलती है। पीपल में देवताओं के साथ ही पितरों का भी वास होता है। इसलिए श्राद्ध पक्ष में पीपल का पेड़ खासतौर से लगाना चाहिए। इसके साथ बरगद, नीम, अशोक, बिल्वपत्र, तुलसी, आंवला व शमी का पौधा लगाने से पितरों के साथ देवता भी प्रसन्न होंगे। पर्यावरण को साफ रखने व नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए भी यह मुहिम सराहनीय है।

पौधे लगाने का फल

बरगत या वट का पौधा लगाने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। इसे जल देने से व्यक्ति दीर्घायु होता है। वट को मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। बरगद को साक्षी मान सीता ने राजा दशरथ के लिए पिंडदान किया था। अशोक का पौधा लगाने से पितृ प्रसन्न होते हैं। रोग व शोक का नाश होता है। पितरों को तृप्ति व मुक्ति मिलती है। यह पौधा घर के द्वार के पास लगाना चाहिए। पीपल में देवता और पितरों का वास होता है। इसका पौधा लगाकर जल देने पर पितरों को वह जल पहुंचता है। इस वृक्ष पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी का अधिपत्य है। बिल्वपत्र का पौधा लगाने से शिव के साथ पितरों की भी कृपा प्राप्त होती है। पितरों का संबंध शिव और विष्णु लोक से जुड़ा है। तुलसी लगाने और उसमें नियमित रूप से जल देने से भगवान विष्णु व पितृ प्रसन्न होते हैं। पिंडदान करते हैं, तब विष्णु की पूजा होती है। भगवान विष्णु ने ही गयासुर राक्षस का वध किया था। इसके अलावा शमी वृक्ष का भा धार्मिक महत्व है। शमी व आंवला के पौधे भी लगाए जा सकते हैं।

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