पीसीबी मानकों के विपरीत संचालित स्टोन क्रशरों के खिलाफ दायर पीआइएल नैनीताल हाई कोर्ट से निस्तारित

Nainital High Court उच्च न्यायालय ने नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के खिलाफ संचालित ओंकार स्टोन क्रशर दाबका स्टोन क्रशर व एलएसएससी स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 08:10 AM (IST)
पीसीबी मानकों के विपरीत संचालित स्टोन क्रशरों के खिलाफ दायर पीआइएल नैनीताल हाई कोर्ट से निस्तारित
पीसीबी मानकों के विपारीत संचालित स्टोन क्रशरों के खिलाफ दायर पीआइएल नैनीताल हाई कोर्ट से निस्तारित

जागरण संवाददाता, नैनीताल : उच्च न्यायालय ने नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के खिलाफ संचालित ओंकार स्टोन क्रशर, दाबका स्टोन क्रशर व एलएसएससी स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने जिलाधिकारी नैनीताल को एक माह के भीतर याचिकाकर्ता के आरोपों की जांच कर प्रत्यावेदन निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इससे संबंधित पीआइएल को निस्तारित कर दिया।

ग्राम गजरौला बाजपुर निवासी हरकेश सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बैलपड़ाव तहसील कालाढूंगी क्षेत्र में खेतों को समतल करने के लिए दो फीट खोदने की अनुमति सरकार की ओर से दी गई थी। इसकी आड़ मेें ग्रामीणों और स्टोन क्रशरों की मिलीभगत से 80 एकड़ में फैले खेतों को 40- 40 फीट गहरा खोद कर अवैध खनन किया जा रहा है। माल बाजपुर व अन्य स्टोन क्रशरों को बेचा जा रहा है। खोदान से आसपास स्कूल सहित कृषि भूमि को नुकसान पहुंच रहा है। याचिकाकर्ता के अनुसार अवैध खनन से सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान भी हुआ है। इस संबंध में डीएम नैनीताल, तहसीलदार कालाढूंगी, डीएम ऊधमसिंह नगर, राज्य सरकार तथा पीसीबी को प्रत्यावेदन भी दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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