नर्सिंग होम के साथ दोहरी नीति के खिलाफ पीआइएल, हाई कोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस

प्रदेश के नर्सिंग होम के साथ दोहरी नीति अपनाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में पहाड़ी क्षेत्रों के लिए नियमों में विशेष शिथिलीकरण की मांग की गई है। इस पर कोर्ट ने राज्‍य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब के निर्देश दिए हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:58 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:58 PM (IST)
नर्सिंग होम के साथ दोहरी नीति के खिलाफ पीआइएल, हाई कोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस
रकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने बुधवार को कोविड की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश के नर्सिंग होम के साथ दोहरी नीति अपनाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में पहाड़ी क्षेत्रों के लिए नियमों में विशेष शिथिलीकरण की मांग की गई है। इस पर कोर्ट ने राज्‍य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने जनहित याचिका पर दायर की है। उनका कहना है कि कोविड का संक्रमण भले ही कम हो गया हो, लेकिन प्रदेश में मृत्यु दर 2.15 प्रतिशत रही, जो भारत में दूसरे स्थान पर है। कोविड की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। याचिका आवास विभाग की हॉस्पिटल, नर्सिंग होम व स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले संस्थान के वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम में कमियों व क्लीनिकल स्टेबलिसमेंट एक्ट से संबंधित है। इनके नियमों में शिथिलता से राज्य में अस्पतालों के बेड की संख्या घटने से रोकना व संख्या बढ़ाने का प्राविधान किया जा सकेगा।

याचिकाकर्ता के अनुसार, राच्य सरकार ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान नर्सिंग होम के खिलाफ सौतेला व्यवहार किया है। सरकार ने कुछ नर्सिंग होम को कोविड के दौरान बहुत सी चीजों में छूट दे रखी है, तो कई नर्सिंग होम को कोई छूट नहीं दी। अगर ये छूट उनको नहीं दी जाती है तो कोविड की तीसरी लहर में आने वाले मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। याचिका में मानक पूरा नहीं करने वाले नर्सिंग होम को छूट देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी के अनुसार कोर्ट ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के विषय का संज्ञान लिया है और सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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