कोरोना को हराने के बाद तनाव में घिर रहे लोग, अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में पोस्ट कोविड क्लीनिक शुरू

संक्रमण से मुक्त हो चुके ऐसे लोगों के लिए स्थापित अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के अधीन कोविड-19 हॉस्पिटल (बेस चिकित्सालय) में पोस्ट कोविड क्लीनिक में ऐसे में 16 लोग पहुंचे। चिकित्सकों के अनुसार एहतियात बरतते हुए व्यायाम व योगाभ्यास कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:44 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:44 PM (IST)
कोरोना को हराने के बाद तनाव में घिर रहे लोग, अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में पोस्ट कोविड क्लीनिक शुरू
फिजियोथैरेपी शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाती है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : कोरोना से जंग जीतने के बाद स्वस्थ हुए लोगों में कमजोरी व सांस फूलने की शिकायतें आ रही हैं। कुछ अनावश्यक तनाव से परेशान होने के मामले भी आ रहे हैं। संक्रमण से मुक्त हो चुके ऐसे लोगों के लिए स्थापित अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के अधीन कोविड-19 हॉस्पिटल (बेस चिकित्सालय) में पोस्ट कोविड क्लीनिक में ऐसे में 16 लोग पहुंचे। चिकित्सकों के अनुसार एहतियात बरतते हुए व्यायाम व योगाभ्यास कर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। फिजियोथैरेपी शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाती है। कोरोना से उबरे व घर में बंद रहने से लोगों की जीवन शैली में काफी बदलाव हुआ है। ऐसे में अल्मोड़ा में पोस्ट काेविड इलाज की शुरुआत हो गई है। लोगों को कोविड के दुष्परिणामों से उबरने में मदद मिलेगी।

महामारी को मात देकर स्वस्थ हो चुके लोगों की सेहत पर नजर रखने व पेश आ रही तकलीफ के उपचार के मकसद से बेस चिकित्सालय में पोस्ट कोविड क्लीनिक ने सोमवार से सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं। पहले दिन दोपहर दो बजे तक 16 लोग विभिन्न समस्याएं लेकर पहुंचे। वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डा. एके जोशी व सीनियर रेजिडेंट मेडिसन डा. अभिषेक तिवारी ने कोरोना को हरा चुके इन लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। डा. जोशी के मुताबिक इनमें अधिकतर पूरी तरह ठीक होने के बावजूद कमजोरी की समस्या से घिरे थे। वहीं कुछ में सीने में दर्द, सांस फूलना व शरीर में दर्द के साथ घबराहट की शिकायत थी। उनकी शंकाओं का समाधान किया गया।

सीनियर चेस्ट फिजीशियन डॉ. एके जोशी ने बताया कि स्वस्थ होने के बाद भी एहतियात बरतना बेहद जरूरी है। भीड़भाड़ में जाने से बचें। मास्क तपो उतारना ही नहीं है। यही बचाव का जरिया भी है। दोबारा रिस्क रहता है। वीकनेस के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। संक्रमण खत्म होने के बाद लगातार काढ़ा पीना ठीक नहीं है। अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक होता है। फिजियोथैरेपी शारीरिक व मानसिक मजबूती देती है।

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