बिना शौचालय, पानी और बुनियादी सुविधाओं के दिन काट रहे बलियानाला से विस्थापित लोग
बलियानाला क्षेत्र से लोगों को प्रशासन और पालिका द्वारा विस्थापित तो कर दिया गया मगर लोगों को मूलभूत सुविधाएं देना प्रशासन भूल गया। लोगों को क्षेत्र के ही सरकारी विद्यालयों में विस्थापित किया गया है जहां शौचालय पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : बलियानाला क्षेत्र में लगातार भूस्खलन के बाद खतरे की जद में आये लोगों को प्रशासन और पालिका द्वारा विस्थापित तो कर दिया गया, मगर लोगों को मूलभूत सुविधाएं देना प्रशासन भूल गया। लोगों को क्षेत्र के ही सरकारी विद्यालयों में विस्थापित किया गया है, जहां शौचालय, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। वही कमरों की उपलब्धता कम होने के कारण पांच से छह परिवार एक ही कमरे में रात काटने को मजबूर हैं। एसडीएम ने क्षेत्र का दौरा कर लोगों की समस्याएं जानी तो क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से रहने के लिए धर्मशाला और अन्य जगह व्यवस्था करने की मांग की है।
दो दिन तक हुई मूसलधार बारिश के चलते बीते 20 अक्टूबर को बलियानाला पहाड़ी पर भारी भूस्खलन हुआ। खतरे को देखते हुए पालिका द्वारा क्षेत्र से 66 परिवारों को अस्थाई तौर पर जीआइसी, जीजीआइसी और प्राथमिक पाठशाला में विस्थापित कर दिया गया मगर पहाड़ी पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिस कारण दस और परिवार घर छोड़ सरकारी विद्यालयों में विस्थापित हो चुके हैं। मगर सरकारी विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से लोगों को फजीहत उठानी पड़ रही है। इधर रविवार को पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, एसडीएम प्रतीक जैन और पालिका टीम ने क्षेत्र का दौरा किया तो क्षेत्रवासियों ने प्रमुखता से एसडीएम के सामने समस्या रखी। लोगों ने क्षेत्र स्थित धर्मशाला अथवा अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर उनके रहने की व्यवस्था की मांग की है।
शौचालय और पानी उपलब्ध नहीं होने से बढ़ी समस्या
बलियानाला संघर्ष समिति अध्यक्ष मुख्तार अहमद ने बताया कि 31 परिवारों को जीजीआइसी विद्यालय में विस्थापित किया है। जहां चार शौचालय ही मौजूद हैं। जीआइसी में 16 परिवारों पर एक, जबकि प्राथमिक पाठशाला में एक शौचालय होने के बाद भी बंद पड़ा है। जिस कारण लोगों को शौच के लिए रोजाना सुबह भूस्खलन क्षेत्र स्थित अपने घरों में जाना पड़ रहा है।
बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित
हरिनगर क्षेत्र से लोगों को सरकारी विद्यालयों में विस्थापित तो कर दिया गया है। मगर कमरों की उपलब्धता कम होने के कारण एक ही कमरे में पांच से छह परिवार निवास कर रहे है। कम स्थान में अधिक लोगों के रहने से लोग तो परेशान है ही बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
एक कमरे में पांच से छह परिवार रहने को मजबूर
हरिनगर की सभासद रेखा आर्य का कहना है कि एक ही कमरे में पांच से छह परिवार रहने को मजबूर हैं। लोगों का कीमती सामान भी कमरे में ही पड़ा है। प्रशासन और पालिका से व्यवस्था की मांग की गई है, मगर अब तक कुछ व्यवस्था नहीं की गई है।
इस दौरान स्कूल में प्रवेश वर्जित
पूर्व सभासद मुख्तार अहमद ने बताया कि 30 से अधिक परिवार जीजीआइसी स्कूल में विस्थापित किए गए हैं। छात्राओं का स्कूल होने के कारण सुबह नौ से शाम चार बजे तक बाहरी लोगों का प्रवेश स्कूल परिसर में वर्जित किया गया है। जिस कारण शाम तक सभी लोग खतरे की जद में आए अपने पुराने मकानों में ही रहे रहे हैं।
धर्मशाला में विस्थापित किया जाएगा
स्थानीय निवासी सुमैरा ताहिब ने कहा कि स्कूल में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। खिड़की दरवाजे भी टूटे हैं। पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे परेशानी हो रही है। एसडीएम नैनीताल प्रतीक जैन ने बताया कि क्षेत्र का दौरा करने में लोगों ने कई समस्याएं बताई। कुछ परिवारों को धर्मशाला में विस्थापित करने के लिए धर्मशाला प्रबंधन से वार्ता की जा रही है। प्रभावित लोगों के शौचालय और पानी की समुचित व्यवस्था की जाएगी।