गोल्डन कार्ड के विरोध में उतरे पेंशनर, बोले-सुविधाएं देने के बजाय जेब पर डाका डाल सरकार
सरकारी सेवारत कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए लागू गोल्डन कार्ड में की जा रही कटौती के विरोध में पेंशनर्स संघर्ष समिति गठित हो गई है। शनिवार को तिकोनिया स्थित पार्क में हुई बैठक में पेंशनर्स ने गोल्डन कार्ड योजना में कई खामियां गिनाईं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सरकारी सेवारत कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए लागू गोल्डन कार्ड में की जा रही कटौती के विरोध में पेंशनर्स संघर्ष समिति गठित हो गई है। शनिवार को तिकोनिया स्थित पार्क में हुई बैठक में पेंशनर्स ने गोल्डन कार्ड योजना में कई खामियां गिनाईं। मुखर होकर बोलते पेंशनर्स ने कहा कि सरकार सुविधाएं देने के बजाय पेंशनर्स की जेब में डाका डाल रही।
पेंशनर्स ने कहा कि योजना लागू करने से पहले सरकार ने प्रचारित किया कि गोल्डन कार्ड में असीमित सुविधाएं मिलेंगी। योजना लागू होने के बाद हकीकत सभी के सामने आ गई। पूर्व में बिना किसी अंशदान के चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्रदान की जाती थी। पेंशनर्स इसे और बेहतर बनाने की मांग कर रहे थे। सरकार खामियां के गोल्डन कार्ड ले आई।
गवर्नमेंट पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गंगा सिंह चम्याल ने हल्द्वानी में छह हजार से अधिक पेंशनर्स हैं। पेंशनर्स के हितों के लिए मुखर होकर आवाज उठाई जाएगी। संघर्ष समिति ने 10 साल से कार्यरत उपनल कर्मियों को नियमित करने, पेंशनर्स संघर्ष समिति के भिकियासैंण में चल रहे आंदोलन को समर्थन दिया। यहां जगदीश तिवारी, बीडी गुरुरानी, पान सिंह, केडी परगाई, हर्ष बंगारी, जेबी पांडे आदि शामिल रहे।
योजना में ये कमियां बताई
ये हैं पेंशनर्स की प्रमुख मांगें -गोल्डन कार्ड के नाम पर जबरन कटौती तत्काल बंद हो -जनवरी से की गई कटौती की राशि ब्याज सहित वापस हो -लंबित डीए को एरियर, ब्याज सहित दिया जाए -पूर्व प्रदत्त चिकित्सा प्रतिपूर्ति सुविधा अधिक प्रभावी बनाते हुए लागू की जाए
हाईकोर्ट ने गोल्डन कार्ड को स्वैछिक करने के आदेश दिए। सरकार ने कर्मचारियों द्वारा खुद कार्ड लेने की बात कहकर कोर्ट को गुमराह किया। इस तरह की मनमानी बंद होने चाहिए।
-डीडी जोशी
सेवाकाल में कर्मचारी अपने हकों के लिए लड़ा। संघर्ष के बलबूते जो कुछ प्राप्त भी किया, सरकार उसे छिनने में लगी हुई है। पेंशनर संघर्ष के बल पर अपनी मांग मनाकर रहेगा।
-टीकाराम जोशी
रिटायरमेंट के बाद जब सीनियर सिटीजन को आराम करना चाहिए था, तब अपनी मांग के लिए संघर्ष करना पड़ रहा। पेंशनरों से विकल्प मांगे बगैर गोल्डन कार्ड थोपना गलत है।
-भुवन भास्कर पांडे
गोल्डन कार्ड के नाम पर पेंशनरों को गुमराह किया गया। योजना के क्रियान्वयन में तमाम खामियां हैं। अपनी मांगों के लिए पेंशनर आखिरी सांस तक आंदोलन करने को तैयार है।
-वीर सिंह बिष्ट