साइबर अपराधियों के टारगेट पर पेंशनर्स, लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन अपडेट करने के नाम खातों से उड़ा रहे रुपए

साइबर अपराधियों ने पेंशन धारकों को अपना टारगेट बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए वह पेंशन धारकों को कॉल कर उनके जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन अपडेट करने को कहते हुए ओटीपी साझा करने को कह रहे है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 09:47 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 05:37 PM (IST)
साइबर अपराधियों के टारगेट पर पेंशनर्स, लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन अपडेट करने के नाम खातों से उड़ा रहे रुपए
साइबर अपराधियों के टारगेट पर पेंशनर्स, लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन अपडेट करने के नाम खातों से उड़ा रहे रुपए

वीरेंद्र भंडारी, रुद्रपुर : साइबर अपराधी रोजाना ही नए नए तरीकों से लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं। अब साइबर अपराधियों ने पेंशन धारकों को अपना टारगेट बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए वह पेंशन धारकों को कॉल कर उनके जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन अपडेट करने को कहते हुए ओटीपी साझा करने को कह रहे है। इसके बाद वह पेंशन धारकों के खातों को साफ कर रहे हैं। इस तरह की सूचना मिलने के बाद साइबर थाना पुलिस इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में जुट गया है।

कुमाऊं मंडल में साइबर अपराध लगातार बढ़ रहा है, रोजाना ही कोई न कोई ठगी का शिकार हो रहा है। अधिकांश ठगी ऑनलाइन खरीदारी, नेट बैंकिंग, गेम्स डाउनलोड, फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाने के साथ ही गूगल पर बैंक, कंपनी हेल्पलाइन बनाकर की जा रही है। लेकिन अब मंडल में साइबर अपराधियों ने पेंशन धारकों को ठगने का नया तरीका खोज निकाला है। साइबर पुलिस के मुताबिक साइबर अपराधी पेंशन धारकों को जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल् कर रहे हैं।

वह अपने पास पेंशन धारकों का नियुक्ति और सेवानिवृत्ति की तारीख, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड समेत अन्य जानकारी रखते हैं। जिसके बाद वह पूरी डेटा के साथ पेंशनधारकों को कॉल करते हैं ताकि उन्हें विश्वास दिलाया जा सके कि संबंधित पेंशन विभाग से बोल रहे हैं। पूरा डेटा बताने के बाद वह पेंशन धारकों को ओटीपी साझा करने को कहते हैं। उन पर विश्वास कर जब ओटीपी साझा की जाती है तो वह उनके खातों से रुपये निकालकर दूसरे खातों में ट्रांसफर कर देते हैं। हालांकि ऐसे मामले अभी साइबर थाने नहीं पहुंचे हैं, लेकिन इस तरह के इनपुट मिलने के बाद साइबर थाना पुलिस सक्रिय हो गया है।

इंश्योरेंस के नाम पर भी ठगी

जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के नाम के साथ ही साइबर ठग इंश्योरेंस कंपनी के नाम पर भी ठगी कर रहे हैं। साइबर पुलिस के मुताबकि ठग लोगों को काल कर जानकारी दे रहे हैं कि उन्होंने पूर्व में जो पॉलिसी की थी, वह बंद हो चुकी है। उसे पुर्न सक्रिय कर सकते हैं। इसके लिए उनसे ठग महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र कर उनके खातों से रुपये साफ कर रहे हैं।

साइबर सुरक्षा टिप्स

किसी अज्ञात व्यक्ति के बहकावे मे आकर एनी डेस्क समेत अन्य एप डाउनलोड न करें। किसी अजनबी या किसी ऐसे व्यक्ति से प्राप्त संदेश का जवाब न दें जिसे आप नहीं जानते हैं। कस्टूमर केयर से बताकर फोन करने वाले व्यक्ति की बातों में न आये और न ही उसे अपने वॉलेट/बैंक संबंधी कोई जानकारी साझा करें । केवाईसी अपडेट/मोबाइल नंबर बंद होने संबंधी मैसेज/फोन कॉल आने पर अपनी व्यक्तिगत/बैंक संबंधी जानकारी शेयर न करें । अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गये किसी भी पेमेंट गेटवे /वॉलेट/मोबाइल एप्लीकेशन पर धनराशि प्राप्त करने के लिए कभी भी न तो क्यूआर कोड स्कैन करें और ना ही यूपीआई पिन डालें। महिला से फेसबुक या किसी भी इंटरनेट साइट पर दोस्ती का प्रस्ताव स्वीकार न करें । किसी भी कंपनी या विभाग से कॉल आने पर नजदीकी कार्यालय में उसकी पुष्टि कर लें।

साइबर अपराधियों के झांसे में न आएं

साइबर थाना प्रभारी, रुद्रपुर ललित मोहन जोशी ने बताया कि साइबर अपराधी लोगों को ठगने का नया नया तरीका निकाल रहे हैं। इंश्योरेंस के साथ ही पेंशन धारकों को जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के नाम पर भी कॉल कर रहे हैं। लोगों को इस तरह के साइबर ठगों से बचाने के लिए साइबर थाना पुलिस इंटरनेट मीडिया में जागरूक कर रही है। साथ ही शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी कर रही है।

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