Uttarakhand Forest Fire News : प्रमुख वन संरक्षक ने कहा - मानवीय कारणों से लग रही जंगलों में आग, नियंत्रण को जल्द तैयार होगी बेहतर नीति
Uttarakhand Forest Fire News पीसीसीएफ भवाली पहुंचकर जंगल की आग नियंत्रण में हो रही परेशानी को जाना। वही उन्होंने कहा कि मानवीय व लोगों की लापरवाही के कारणों से जंगलों में आग लग रही है। जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
जागरण संवाददाता, भवाली : Uttarakhand Forest Fire News : प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी मंगलवार को भवाली पहुँचे। जहां पहुँच कर उन्होंने जंंगल की आग नियंत्रण को पहुँची एनडीआरएफ की टीम व वन कर्मियों से वनाग्नि नियंत्रण के संबंध में वार्ता की। वनाग्नि नियंत्रण में हो रही परेशानी को जाना। वही उन्होंने कहा कि मानवीय व लोगों की लापरवाही के कारणों से जंगलों में आग लग रही है। इसलिए जंंगल की आग के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। वही भयानक स्थिति में वन विभाग जिला प्रशासन व सेना की भी मदद लेने को कहा है।
मंगलवार को उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक (PCCF) राजीव भरतरी नगर में पहुँचे। जहाँ उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियो व वनाग्नि नियंत्रण को पहुँची एनडीआरएफ की टीम से जंंगल की आग नियंत्रण के सम्बंध में बात की। इस दौरान एनडीआरएफ के टीम के हेड मयंक कुमार ने बताया कि यहाँ आसपास के जंगलों में चीड़ की सूखी पत्तियों में आग तेजी से फैल रही है। जिसे काबू करना काफी मुश्किल कार्य है। इसलिए पत्तियों की लाइन काटकर आग को नियंत्रित किया जा रहा है। उनकी 21 सदस्यीय टीम ने 5 दिनों में 10 फायर के ऑपरेशन पूरे किए है।
उधर, वन कर्मियों ने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण में विभाग से मिला फायर ब्लोवर काफी कारगर साबित हो रहा है। इससे पत्तियां हटाने व आग बुझाने में आसानी हो रही है। उधर अपने संबोधन में कहा कि पिछले वर्ष लाकडाउन में वनाग्नि की घटनाएं नहीं हुई। लेकिन इस वर्ष जंंगल की आग ने विकराल रूप लिया। जंगलों में आग मानवीय कारणों से लग रही है। या तो लोगों की लापरवाही से आग लग रही है। या कोई जानबूझ कर आग लगा रहा है। इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह लोगों के बीच जाकर उनका वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग ले। उन्हें जागरूक करें। यदि कोई आग लगाते हुए पकड़ा जाए तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।
उधर, अल्मोड़ा व नैनीताल डिवीजन के भ्रमण के दौरान पता कि वन विभाग के पास काफी फारेस्ट गार्ड के पद रिक्त है। वन विभाग में 18 एसीएफ के पद भी रिक्त है। कर्मचारियो के अभाव के कारण भी जंंगल की आग नियंत्रण में समस्या रही है। जिसके लिए उन्होंने कर्मचारियो से कहा कि वनाग्नि की भयानक स्थिति में सावधानी पूर्वक कार्य करे। जिला प्रशासन व सेना की भी मदद ले। जंंगल की आग नियंत्रण में सहायक उपकरणों के लिए राज्य सरकार से बजट लगातार मिल रहा है। अग्नि नियंत्रण के लिए सभी डिवीजनों को बजट मुहैया करा दिया गया है।
वहींं वनाग्नि नियंत्रण को सहायक उपकरणों के लिए प्रस्ताव बनाकर देने को कहा गया है। जल्द वन विभाग अधिकारियों के साथ बैठक कर जंंगल की आग नियंत्रण की बेहतर नीति तैयार करेगा। जिससे हमेशा जंंगल की आग की हर स्थिति के लिए विभाग तैयार रहे। इस दौरान चीफ कुमाऊँ तेजस्विनी पाटिल, वन रेंजर मुकुल शर्मा, एनडीआरएफ हैड मयंक कुमार समेत कई लोग मौजूद रहे।
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