रेलवे स्टेशन, वर्कशाप व होमस्टे की निगरानी करेगा पीसीबी, सीपीसीबी से मिली अनुमति, अब लेनी होगी नोटिस

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के बाद पीसीबी इन जगहों पर गंदे पानी के ट्रीटमेंट को लेकर जांच करेगा। इसके अलावा अन्य प्रदूषण पर भी नजर रहेगी। बोर्ड के मुताबिक सभी को नोटिस देकर एनओसी लेने के लिए कहा जाएगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 10:46 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 10:46 AM (IST)
रेलवे स्टेशन, वर्कशाप व होमस्टे की निगरानी करेगा पीसीबी, सीपीसीबी से मिली अनुमति, अब लेनी होगी नोटिस
चेकिंग कर व्यवस्थाएं देखी भी जाएगी। जागरण

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी के दायरे में अब रेलवे स्टेशन, रेलवे वर्कशॉप, आवासीय विद्यालय और होम स्टे भी आएंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के बाद पीसीबी इन जगहों पर गंदे पानी के ट्रीटमेंट को लेकर जांच करेगा। इसके अलावा अन्य प्रदूषण पर भी नजर रहेगी। बोर्ड के मुताबिक सभी को नोटिस देकर एनओसी लेने के लिए कहा जाएगा। जिसके बाद औचक चेकिंग कर व्यवस्थाएं देखी भी जाएगी।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब तक होटल, फैक्ट्री, वाहन वर्कशाप, आटोमोबाइल शोरूम, धर्मशाला आदि की मानीटङ्क्षरग करता था। इसलिए इन संस्थानों को बोर्ड से एनओसी लेनी जरूरी होती है। आवेदन आने पर बोर्ड के अफसर चेक करते हैं कि किचन का धुआं और गंदे पानी की निकासी व ट्रीटमेंट को लेकर क्या व्यवस्था की गई है। पीसीबी के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी ने बताया अब रेलवे स्टेशन, आवासीय स्कूल व होम स्टे संचालकों को भी परमिशन लेनी होगी। हालांकि, उन्हीं होम स्टे पर यह नियम लागू होगा। जहां कम से कम 20 लोगों के रूकने का इंतजाम होगा। पीसीबी के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी ने बताया कि दायरे में आए सभी संस्थानों को सूचना भेजी जा रही है।

तीन कैटेगिरी में रेलवे स्टेशन

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी के मुताबिक प्रतिदिन 100 लीटर से अधिक गंदा पानी छोडऩे वाले स्टेशन को  रेड, 10 से 100 लीटर के बीच वाले स्टेशन को आरेंज कैटेगिरी में रखा गया है। वहीं, दस लीटर से कम गंदे पानी का उत्सर्जन करने वाला रेलवे स्टेशन ग्रीन श्रेणी में होगा।

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