उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का बदलेगा ढर्रा, जानिए

ATI Nainital डा. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में अब प्रशिक्षण कार्यक्रम परंपरा के अनुसार नहीं होंगे। हर प्रशिक्षण कार्यक्रम में अब प्रतिभागियों के अनुभव पर आधारित एक सफलता की कहानी तो एक असफलता की कहानी शामिल की जाएगी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 09:47 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 09:47 AM (IST)
उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का बदलेगा ढर्रा, जानिए
उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का बदलेगा ढर्रा, जानिए

किशोर जोशी, नैनीताल : डा. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में अब प्रशिक्षण कार्यक्रम परंपरा के अनुसार नहीं होंगे। हर प्रशिक्षण कार्यक्रम में अब प्रतिभागियों के अनुभव पर आधारित एक सफलता की कहानी तो एक असफलता की कहानी शामिल की जाएगी। यही नहीं, पहाड़ के दूरस्थ-दुर्गम क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों का पैनल तैयार किया जाएगा, जो प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अफसर-कर्मचारियों को अनुभव आधारित ज्ञान मुहैया कराएंगे।

उत्तराखंड प्रशासन अकादमी की प्रशिक्षण कार्यशालाओं, कोर्सों का ढर्रा बदलने की कवायद शुरू हो गई है। नए निदेशक दीपक रावत ने अकादमी के अधिकारियों व फैकल्टी के साथ बैठक में इसके साफ संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में तैयार पुराने माड्यूल अब मौजूदा जरूरतों के हिसाब से तैयार किए जाएं।

इसमें विषय से संबंधित अप टू डेट जानकारी समाहित होनी चाहिए, ताकि प्रशिक्षणार्थियों को अपने क्षेत्र में उसके हिसाब से काम करने में आसानी हो और जनसामान्य को इसका लाभ भी मिले। नए निदेशक का कहना है कि अकादमी के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रमों को व्यावहारिक बनाया जाएगा। हर प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक सफलता की कहानी व एक विफलता की कहानी तैयार की जाएगी, ताकि प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हो।

पहाड़ के विशेषज्ञों का बनेगा पैनल

अकादमी के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए पहाड़ के विशेषज्ञों का पैनल भी तैयार किया जाएगा। निदेशक के अनुसार पहाड़ के दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों के साथ ही पहाड़ी इलाकों में पर्यावरण से लेकर अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों की कमी नहीं है लेकिन उनके प्रशिक्षण कार्यक्रमों मेें उनकी कम मौजूदगी से उनके ज्ञान का लाभ जनसामान्य को नहीं मिल रहा है। पहाड़ के विशेषज्ञ भले ही पढ़ाई में कम हों, मगर उन्होंने कठिन मेहनत व अपने व्यावहारिक ज्ञान से अपने क्षेत्र में पूरे समाज से लेकर जिला, प्रदेश व देश में धाक जमाई है। ऐसे विशेषज्ञों का पैनल तैयार कर उन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर रिसोर्स पर्सन बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अकादमी में राज्य नगरीय विकास संस्थान की स्थापना की कार्रवाई तेजी से पूरी की जाएगी।

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