हाथियों की मानीटरिंग के लिए रेलवे ट्रैक पर बढ़ी गश्त, दो हाथियों की मौत के बाद से महकमा सतर्क

बीते दिनों गूलरभोज में ट्रेन की चपेट में आकर दो हाथियों की मौत हो गई थी। जिसके बाद जंगल से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर वन कर्मचारियों की गश्त बढ़ा दी गई थी। सोमवार को भी वन विभाग ने गूलरभोज से लालकुआं तक रेलवे ट्रैक पर गश्त की।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 10:54 PM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 10:54 PM (IST)
हाथियों की मानीटरिंग के लिए रेलवे ट्रैक पर बढ़ी गश्त, दो हाथियों की मौत के बाद से महकमा सतर्क
विभाग पारंपरिक तौर तरीकों को अपनाकर हादसों को टालने की जुगत में है।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : गूलरभोज में ट्रेन की चपेट में आकर दो हाथियों की मौत के बाद ट्रैक पर वन विभाग ने गश्त बढ़ा दी है। इसके तहत वन विभाग की टीम ने गूलरभोज से लालकुआं तक गश्त कर हाथियों की मानीटरिंग भी की। इस दौरान जगह जगह हाथियों के मल, पग चिह्न के साथ ही तोड़े गए पेड़ भी मिले। हाथियों को ट्रेन से बचाने के लिए फिलहाल वन और रेल महकमें के पास कोई ठोस उपाय नहीं है। फिलहाल विभाग पारंपरिक तौर तरीकों को अपनाकर हादसों को टालने की जुगत में है। बीते दिनों हुए हादसे के बाद विभाग अलर्ट मोड में हैं और कांबिंग तेज कर दी है। हादसे की जांच चल रही है। लोगों का कहना है कि स्पीड सामान्य होती तो शायद दुर्घटना न होती और समय रहते ब्रेक लगाकर उसे टाला जा सकता था। 

बता दें कि तराई से लगे हुए जंगलों में हाथियों की आवाजाही होते रहती है। जंगल के बीच में रेलवे ट्रैक भी है। कई बार रेलवे ट्रैक में जंगली हाथी आ जाते हैं। फलस्वरूप ट्रेन की चपेट में आकर हाथियों की मौत हो जाती है। बीते दिनों गूलरभोज में ट्रेन की चपेट में आकर दो हाथियों की मौत हो गई थी। जिसके बाद जंगल से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर वन कर्मचारियों की गश्त बढ़ा दी गई थी। सोमवार को भी वन विभाग ने गूलरभोज से लालकुआं तक रेलवे ट्रैक पर गश्त की।

गश्त करने के दौरान वन कर्मचारियों ने वन्य जीव खास तौर पर हाथी की मॉनिटरिंग की। जिसमें हाथियों के मल, पग चिन्ह तथा हाथी द्वारा तोड़े गए पेड़ भी मिले। एसडीओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया ने बताया कि मानसून ऋतु में वन्य जीवों की मॉनिटरिंग, सुरक्षा एवं वनों में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि की रोकथाम के लिए इस प्रकार की मानसून गश्त तथा रात्रि गश्त की जा रही है। 

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