तीन शिफ्ट में गश्त और तस्करों की नो एंट्री को खाई खुदान शुरू, गौला की सुरक्षा को एसओजी मुस्तैद

घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग द्वारा तीन शिफ्ट में गश्त की जा रही है। इसके अलावा शीशमहल से लेकर शांतिपुरी तक सभी 11 निकासी गेटों पर जेसीबी के जरिये खाई खुदवाई जा रही है। ताकि गाडिय़ों से लेकर घोड़ों के जरिये भी उपखनिज न निकाला जा सके।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 09:14 AM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 09:14 AM (IST)
तीन शिफ्ट में गश्त और तस्करों की नो एंट्री को खाई खुदान शुरू, गौला की सुरक्षा को एसओजी मुस्तैद
रेंजर गौला आरपी जोशी ने बताया कि आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में छह-छह वनकर्मियों को गश्त पर है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौला बंद हुए एक सप्ताह बीत चुका है। ऐसे में तस्करों की सक्रियता बढऩे की आशंका बनी हुई है। घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग द्वारा तीन शिफ्ट में गश्त की जा रही है। इसके अलावा शीशमहल से लेकर शांतिपुरी तक सभी 11 निकासी गेटों पर जेसीबी के जरिये खाई खुदवाई जा रही है। ताकि गाडिय़ों से लेकर घोड़ों के जरिये भी उपखनिज बाहर न निकाला जा सके।

गौला से हर साल अक्टूबर से लेकर मई तक खनन किया जाता है। साढ़े सात हजार वाहनों के जरिये उपखनिज निकाला जाता है। 31 मई तक खनन सत्र चलता है। लेकिन इस बार केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान द्वारा सिर्फ साढ़े 32 लाख घनमीटर निकासी का आदेश दिया था। जिस वजह से गौला अप्रैल के तीसरे सप्ताह में ही बंद हो गई। वहीं, अब वन विभाग को डर है कि खनन तस्कर नदी में सक्रिय हो सकते हैं। इसलिए 11 गेटों पर खाई खुदवाई जा रही है। विभाग की नजर में इन्हें चोर रास्ते कहा जाता है।

वहीं, रेंजर गौला आरपी जोशी ने बताया कि आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में छह-छह वनकर्मियों को गश्त पर भेजा जाता है। इसके अलावा एसओजी टीम भी अपने स्तर पर निगरानी कर रही है। साथ ही उन जगहों को भी चिन्हित किया गया है। जहां पर चोरी का रेता या बजरी स्टॉक किया जाता है। हालांकि, इन जगहों पर चेकिंग में अब तक अवैध खनन का मामला सामने नहीं आ सका।

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