जल संस्थान के अंशकालिका मजदूरों की मानदेय बढ़ाने और नियमित करने की मांग, उग्र आंदोलन की चेतावनी
उन्होंने कहा कि वह लगभग 25 सालों से 80 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय लेते हैं। महंगाई के कारण उनका गुजर-बसर चल पाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन अधिनियम के अनुसार उन्हें भी मानदेय और नियमित किया जाए।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : उत्तराखंड जल संस्थान अंशकालिक चौकीदारों ने मानदेय बढ़ाने की मांग तेज कर दी है।उन्होंने सोमवार को धरना दिया और मानदेय नहीं बढ़ने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी।
जलसंस्थान और जल निगम के अंशकालिक चौकीदारों ने कहा कि जिले की पेयजल आपूर्ति में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। वह ग्राम सभा, नगर पंचायत, नगर पालिका और शहर की पेयजल लाइन की देखरेख भी करते हैं। पानी खोलना और बंद करने के अलावा बिल वितरण का भी वर्तमान में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लगभग 25 सालों से 80 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय लेते हैं। महंगाई के कारण उनका गुजर-बसर चल पाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन अधिनियम के अनुसार उन्हें भी मानदेय और नियमित किया जाए। अंशकालिक मजदूरों को पीपीएफ का लाभ दिया जाए। पांच लाख रुपये का बीमा भी किया जाए। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को सरकार हल्के में ले रही है। यदि शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
जल संस्थान में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का कहना है कि कोविड काल में हमने पूरे मन से काम किया है। फिर भी हमारे लिए कोई सोचने वाला नहीं है। आज के महंगाई के दौर में इतने कम पैसे में गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है। सरकार को हम पर ध्यान देना चाहिए। मानदेय न बढऩे से परिवार की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है। ऐसे में यदि मदद न मिली तो हम आंदोलन को मजबूर होंगे। इस दौरान धरम सिंह, हरीश चंद्र कनसेरी, रमेश सिंह, नंदन सिंह, राजेंद्र सिंह, जीवन सिंह, गोविंद सिंह, प्रेम सिंह, धाम सिंह पूरन चंद्र आदि मौजूद थे।