चम्पावत में लधिया नदी में समाया एनएच का हिस्सा, पर्वतीय क्षेत्र का संपर्क कटा, निर्माणाधीन पुल भी बहा

चल्थी पुल से पहले करीब सौ मीटर एनएच का हिस्सा लधिया नदी में समा गया। रोड खत्म हो जाने से जनपद मुख्यालय व पिथौरागढ़ जनपद का मैदानी क्षेत्र से संपर्क पूरी तरह से कट गया। वहीं लधिया नदी पर कार्यदायी कंपनी द्वारा बनाया जा रहा पुल भी बह गया।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:28 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:28 PM (IST)
चम्पावत में लधिया नदी में समाया एनएच का हिस्सा, पर्वतीय क्षेत्र का संपर्क कटा, निर्माणाधीन पुल भी बहा
अब सूखीढांग डांडा मीनार रोड या वाया देवीधुरा होते हुए लोग चम्पावत पहुंच सकेंगे।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : विगत तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बारिश के चलते चल्थी पुल से पहले करीब सौ मीटर एनएच का हिस्सा लधिया नदी में समा गया। रोड खत्म हो जाने से जनपद मुख्यालय व पिथौरागढ़ जनपद का मैदानी क्षेत्र से संपर्क पूरी तरह से कट गया। वहीं लधिया नदी पर कार्यदायी कंपनी द्वारा बनाया जा रहा पुल भी बह गया। पुल स्ट्रक्चर के साथ काफी सामान भी बह गया है। इन दोनों घटनाओं से कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। अब सूखीढांग डांडा मीनार रोड या वाया देवीधुरा होते हुए लोग चम्पावत पहुंच सकेंगे।

टनकपुर से पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही ऑलवेदर रोड का कार्य 2017 में शुरू हुआ। जिसे 2019 में पूरा किया जाना था लेकिन मानसून व कोविड के चलते लगातार काम में देरी होती रही अब जाकर 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ। केवल चल्थी पुल का काम ही शेष था। करीब 22 करोड़ की लागत से बनने वाले चल्थी पुल का काम भी 2019 में शुरू हुआ। स्वायल टेस्टिंग से लेकर अन्य चीजों को करने में अधिक समय लग जाने के कारण पुल का काम पूर्ण नहीं हो सका। हालांकि ऑलवेदर रोड का पीएम मोदी द्वारा जल्द उद्घाटन किए जाने से कार्यदायी आरजीबीएल कंपनी पुल निर्माण का कार्य तेजी से कर रही थी। कंपनी ने पुल का स्ट्रक्चर करीब 90 प्रतिशत पूर्ण कर लिया था।

उम्मीद थी कि एक दो सप्ताह में स्ट्रक्चर को ऊपर लाकर टाइट किया जाता लेकिन इससे पूर्व ही बारिश से अपना रौद्र रूप दिखा गया। विगत तीन से हो रही मूसलाधार बारिश से उफनाई लधिया नदी में निर्माणाधीन पुल का स्ट्रक्चर, क्रेन, तीन जैक टॉवर, जनरेटर समेत काफी सामान बह गया। कंपनी ने नदी में पानी बढऩे से पूर्व ही श्रमिकों को ऊपर शिफ्ट कर दिया था। जिससे जनहानि होने से बच गई। कंपनी इस दर्द से ऊभर पाती मंगलवार दोपहर में पुल से पहले करीब सौ मीटर बनी रोड लधिया नदी में समा गई। पुल पर जाने का भी मार्ग खत्म हो जाने से मैदानी क्षेत्र का पर्वतीय क्षेत्र से संपर्क टूट गया। अब कार्यदायी कंपनी को पुल पर जाने के लिए नए सिरे से पहाड़ की कटिंग कर रोड बनानी पड़ेगी। दो जिलों का संपर्क मार्ग खत्म हो जाने से लाखों लोगों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। दोनों हादसों से कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।

वाया देवीधुरा या रीठासाहिब से कर सकते हैं सफर

बारिश में एनएच के लगातार बाधित होने से पूर्व प्रशासन को कई बार सूखीढांग डांडा मीनार रोड को ठीक कराने को कहा गया लेकिन प्रशासन ने एक न सुनी। अब एनएच का संपर्क कट जाने के बाद लोगों के पास डीडीएम रोड या वाया देवीधुरा के अलावा कोई रास्ता नहीं है। लोग इस मार्ग से सफर कर सकते हैं। 

प्रोजेक्ट मैनेजर एके सिंह ने बताया कि चल्थी पुल का कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका था। स्ट्रक्चर को उठाकर टाइट करना शेष था इससे पूर्व ही नदी में पानी आ जाने से पुल का स्ट्रक्चर समेत काफी सामान बह गया। वहीं पुल से पहले ही करीब सौ मीटर रोड नदी में समा गया। अब नई कटिंग के बाद ही रोड बनाई जा सकती है। फिलहाल बारिश रूकने के बाद इस पर विचार किया जाएगा।

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