पर्यटन दिवस पर पैरालंपिक विजेता का रामनगर में सम्मान, रिसॉर्ट द्वारा सौंपा 1.1 लाख रुपये का चेक

कहा कि अपने भीतर दूसरे से आगे निकलने की स्वस्थ भावना होनी चाहिए। यही उन्होंने किया और आज पैरालंपिक में कांस्य जीता। अब अगला लक्ष्य गोल्ड मेडल जीतना है। इसी को लक्ष्य बनाकर वह फिर से तैयारी मेें जुटेंगे।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:50 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:50 PM (IST)
पर्यटन दिवस पर पैरालंपिक विजेता का रामनगर में सम्मान, रिसॉर्ट द्वारा सौंपा 1.1 लाख रुपये का चेक
कार्यक्रम में मौजूद पर्यटन कारोबारियों ने पर्यटकों को बेहतर सुविधा दिए जाने की बात कही।

जागरण संवाददाता, रामनगर : टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन में कांस्य पद जीतकर आए अर्जुन पुरस्कार अवार्डी मनोज सरकार को सम्मानित किया गया। पदक जीतकर लाने के लिए मनोज को उत्साहवर्धन के लिए 1.1 लाख रुपये की धनराशि का चेक भी आहाना रिसॉर्ट की ओर से सौंपा गया। इस दौरान पर्यटन दिवस पर केक भी काटा गया। 

सोमवार को अहाना रिसॉर्ट की ओर से पूर्व सांसद बलराज पासी की मौजूदगी में आयोजित सम्मान समारोह में पहुंचे बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज का स्वागत किया गया। अपने संबोधन में कार्यक्रम में आए लोगों को अपने शुरूआत से पैरालंपिक तक के सफर के बारे में बताया। कहा कि अपने भीतर दूसरे से आगे निकलने की स्वस्थ भावना होनी चाहिए। यही उन्होंने किया और आज पैरालंपिक में कांस्य जीता। अब अगला लक्ष्य गोल्ड मेडल जीतना है। इसी को लक्ष्य बनाकर वह फिर से तैयारी मेें जुटेंगे। रिसॉर्ट के मालिक कमल त्रिपाठी व होटल एंड रिसॉर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीमान सिंह ने उम्मीद जताई कि खिलाड़ी मनोज का संघर्ष दूसरों के लिए प्रेरणादायक है। इससे अन्य युवाओं को भी खेल के क्षेत्र में आगे बढऩे में मदद मिलेगी। इस दौरान पर्यटन दिवस मनाते हुए केक काटा गया। कार्यक्रम में मौजूद पर्यटन कारोबारियों ने पर्यटकों को बेहतर सुविधा दिए जाने की बात कही। 

योग्यता को सुपर योग्यता में बदलो

मनोज का पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा। मनोज ने बताया कि अपनी योग्यता को सुपर योग्यता में बदलो। पड़ोस के साथी लोगों के लिए रैकेट आए। मुझे काफी बुरा लगा एक ईष्र्या महसूस हुई कि बैडमिंटन में इन्हें हराना है। इसके बाद मां ने दस रुपये का रैकेट खरीदकर दिया। फिर अपने खेल को और बेहतर किया। कांस्य पदक जीतते ही मां के द्वारा रैकेट खरीदने के लिए दिया गया दस रुपये का नोट याद आया। मनोज ने कहा कि उनका सपना है कि अगले बार पैरालंपिक में अन्य लोग भी उत्तराखंड से भाग लें।

chat bot
आपका साथी