केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा पाने को ओर बढ़ा पंत विश्वविद्यालय, केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव

केंद्रीय विवि का दर्जा मिलने से न केवल विवि में देश दुनिया के मेधावी छात्र पढ़ने व शोध करने आएंगे बल्कि बजट मिलने से भरपूर संसाधन होंगे। जिससे शोधों की गुणवत्ता के साथ शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 07:36 PM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 07:36 PM (IST)
केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा पाने को ओर बढ़ा पंत विश्वविद्यालय, केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव
इसका लाभ राज्य के किसान के साथ देश के अन्य राज्यों को मिलेगा।

जागरण संवाददाता, पंतनगर : हरित क्रांति का श्रेय लेने वाले पंडित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि को जल्द केंद्रीय विवि का दर्जा मिल सकता है इसके लिए प्रदेश सरकार की कैबिनेट में मुहर लग गई और केंद्र को दर्जा देने के लिए जल्द प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्रीय विवि का दर्जा मिलने से न केवल विवि में देश दुनिया के मेधावी छात्र पढ़ने व शोध करने आएंगे, बल्कि बजट मिलने से भरपूर संसाधन होंगे। जिससे शोधों की गुणवत्ता के साथ शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी और इसका लाभ राज्य के किसान के साथ देश के अन्य राज्यों को मिलेगा।

पंत विवि कुछ साल से बजट के अभाव में जूझ रहा है। संसाधनों की कमी में भी बेहतर तरीके से विवि के विज्ञानी शोध के साथ शिक्षण कार्य में जुटे हैं। सूत्र के मुताबिक हर साल करीब सौ करोड़ रुपये बजट कम पड़ रहा था। इसकी वजह से ठेके पर कार्य करने वालों में कई लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया या समय से मानदेय नहीं मिल पा रहा है। संसाधनों की कमी से शोधों के विकास पर भी असर पड़ रहा है। विवि की बेहतरी के लिए लंबे समय से पंत विवि को केंद्रीय विवि बनाने की मांग की जा रही थी।

विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा दिलाने के लिए किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने कई बार मुद्​दा उठाया। कुछ माह पहले कृषि सचिव ने विवि प्रशासन से केंद्रीय विवि बनाने के संबंध में प्रस्ताव मांगा था। विवि प्रबंध परिषद ने केंद्रीय विवि का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा था। जिसे कैबिनेट ने शुक्रवार को पास कर दिया और केंद्र सरकार को  जल्द भेजा जाएगा। यदि केंद्रीय विवि बनता है तो  कृषि से जुड़े विभिन्न प्रकार की तकनीकों को विकास होगा और नई तकनीकी ईजाद होगी। यहीं, नहीं, देश दुनिया से कृषि विज्ञान की पढ़ाई करने के लिए क्रीम विद्यार्थी आएंगे।

तराई के साथ प्रदेश के दूरस्थ जिलों की जरुरतों के हिसाब से उन्नतशील प्रजातियों के साथ टेक्नोलाजी विकसित की जाएगी। शोध कार्य बड़े स्तर पर होंगे, इसके लिए बड़े बड़े प्रोजक्ट भी मिलेंगे। इसका लाभ मैदानी के साथ पर्वतीय जिलों के किसानों को भी मिलेगा। बताया जा रहा है कि केंद्रीय विवि बनने के बाद भी राज्य के विद्यार्थियों को प्रवेश में वेटेज यानी कुछ सीटें रिजर्व रखी जाएंगी। केंद्रीय विवि के लिए कैबिनेट में पास होने पर पंत विवि के शिक्षकों व कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। शिक्षकों के मुताबिक विवि के स्तर में सुधार होगा तो निश्चित तौर पर विवि की रैकिंग में सुधार होगा। जिससे पंत विवि का नाम देश दुनिया में और बढ़ेगा। केंद्रीय विवि बनने पर संसाधनों की कमी नहीं होंगी तो इसका कृषि तकनीकों में काफी विकास होगा। 

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