पंत नगर विश्वविद्यालय के प्रो. प्रभाशंकर शुक्ला के नार्थ ईस्टर्न विवि का वीसी बनने पर हर्ष
पंत विवि के आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के प्रो. प्रभा शंकर शुक्ला ने नार्थ ईस्टर्न विवि शिलांग मेघालय के कुलपति का चार्ज ले लिया है। उनकी प्राथमिकता विवि की शैक्षणिक गतिविधियों को दुरुस्त करने के साथ ही शोध कार्यों को बढ़ावा देना है।
जागरण संवाददाता, पंतनगर : जीबी पंत विवि के आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के प्रो. प्रभा शंकर शुक्ला ने नार्थ ईस्टर्न विवि शिलांग मेघालय के कुलपति का चार्ज ले लिया है। उनकी प्राथमिकता विवि की शैक्षणिक गतिविधियों को दुरुस्त करने के साथ ही शोध कार्यों को बढ़ावा देना है। इससे पंत विवि के शिक्षकों व कर्मचारियों में खुशी का माहौल है।
विवि के आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के प्रो. पीएस शुक्ला का जन्म 1968 में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के ग्राम पुरेपांडेय मस्कनवाल में हुआ था। प्राथमिक शिक्षा उन्होंने गांव में ही ली। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई कृषक इंटर कालेज गौर, जिला बस्ती से की। जबकि कुलभास्कर आश्रम पीजी कालेज प्रयागराज उत्तर प्रदेश से वर्ष 1989 में बीएससी व वर्ष 1991 में एमएससी की पढ़ाई पूरी की। इसी महाविद्यालय से वर्ष 1995 में पीएचडी की उपाधि ली। पहली नियुक्ति महात्मा गांधी ग्रामोदय विवि चित्रकूट सतना मध्यप्रदेश में हुई। वर्ष 2004 में वह जीबी पंत विवि में एसोसिएट प्रोफेसर व 2010 में प्रोफेसर बने। उन्हें तराई विकास निगम के महाप्रबंधक की जिम्मेदारी भी मिली। उनके कार्यकाल में बड़े स्तर पर गुणवत्तायुक्त बीज का उत्पादन हुआ था, जिसका लाभ प्रगतिशील किसानों को मिला। उनकी काबिलियत को देख विवि में उन्हें ब्रीडर सीड प्रोडक्शन सेंटर के संयुक्त निदेशक की भी जिम्मेदारी दी थी। लंदन, नेपाल, वियतनाम, ङ्क्षसगापुर व बैंकाक में लेक्चर दे चुके प्रो. शुक्ला ने मेहनत, लगन व काबिलियत से कुलपति का मुकाम हासिल किया। प्रो. शुक्ला ने फोन पर बताया कि उनके पिता चंद्र नारायण शुक्ला राजकीय प्राथमिक स्कूल में शिक्षक थे। उनकी प्राथमिकता राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करना व नार्थ ईस्ट के लोगों की बेसिक समस्याओं को हल करना है। लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में भी वह काम करेंगे।
दिल्ली, जबलपुर विवि के सदस्य रहे प्रो. शुक्ला ने मंगलवार को नार्थ-ईस्टर्न विवि शिलांग के कुलपति का चार्ज उन्होंने प्रो. एसके श्रीवास्तव से लिया। इस पर पंत विवि में हर्ष जताया गया।