कोरोनाकाल जैसी जरूरत के लिए तेजी से उपलब्ध होगी आक्सीजन, एसटीएच में 1400 सिलिंडर तक पहुंच गई थी खपत

हल्द्वानी में सामान्य दिनों की तुलना में आक्सीजन की मांग सात गुना तक बढ़ गई थी। एसटीएच हल्द्वानी बेस व नैनीताल जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगने से जिले की जरूरत के लायक आपूर्ति आसानी से हो सकेगी।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 08:09 AM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 08:09 AM (IST)
कोरोनाकाल जैसी जरूरत के लिए तेजी से उपलब्ध होगी आक्सीजन, एसटीएच में 1400 सिलिंडर तक पहुंच गई थी खपत
सात घंटे में कोरोना की दूसरी लहर की जरूरत के बराबर आक्सीजन जिले में ही उपलब्ध हो जाएगी।

गणेश पांडे, हल्द्वानी। कोविड-19 के मामलों में कमी आने के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं। हालांकि सतर्कता अब भी जारी व जरूरी है। पीछे मुड़कर देखते हैं तो कोरोना की भयावहता आंखों में तैरने लगती है। दूसरी लहर में हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि आक्सीजन सिंलिडर को लेकर मारामारी होने लगी। हल्द्वानी में सामान्य दिनों की तुलना में आक्सीजन की मांग सात गुना तक बढ़ गई थी। एसटीएच, हल्द्वानी बेस व नैनीताल जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगने से जिले की जरूरत के लायक आपूर्ति आसानी से हो सकेगी।

कोविड काल में पूरे कुमाऊं की उम्मीद डा. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) पर टिकी थी। गंभीर रोगियों को एसटीएच रेफर किया जा रहा था। सामान्य दिनों में एसटीएच में 150 से 200 आक्सीजन सिलिंडर की खपत रहती है। कोरोना की दूसरी लहर में 1200 से 1400 आक्सीजन सिलिंडर प्रतिदिन खपने लगे। एसटीएच, बेस व जिला अस्पताल में 4800 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता के आक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू होने से कोरोना की दूसरी लहर की जरूरत के लायक आक्सीजन तैयार हो सकेगी। प्लांट के पूरी क्षमता के साथ उत्पादन करने पर सात घंटे में कोरोना की दूसरी लहर की जरूरत के बराबर आक्सीजन जिले में ही उपलब्ध हो जाएगी। 

ऐसे समझें आक्सीजन का गणित 

आक्सीजन सिलिंडर लिफिलिंग कारोबारी अतुल अग्रवाल ने बताया कि बी-टाइप आक्सीजन सिलिंडर की क्षमता 1.43 घन मीटर होती है। यह सिलिंडर 1430 लीटर आक्सीजन स्टोर करता है। ऐसे में 4800 एलपीएम क्षमता के आधार पर प्रति घंटा 201 सिलिंडर आक्सीजन तैयार होगी। सात घंटे में 1407 सिलिंडर आक्सीजन तैयार होगी। 24 घंटे चलाने में प्लांट से 4824 सिलिंडर आक्सीजन तैयार हो सकेगी। प्लांट 70 फीसद क्षमता के साथ भी काम करें तो 10 घंटे में 1400 सिलिंडर आक्सीजन तैयार हो जाएगी।

प्राचार्य डा अरुण जोशी का कहना है कि नए प्लांट मिलने के बाद एसटीएच में 5000 एलपीएम आक्सीजन का निर्माण हो सकेगा। यह अस्पताल की जरूरतों के लिए पर्याप्त है। दूसरे प्लांटों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। 

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