लोहाघाट और टनकपुर अस्पतालों में भी लगाए जाएंगे ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
एसडीएच लोहाघाट व टनकपुर में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने की कवायद शुरू हो चुकी है। कोविड महामारी को देखते हुए जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। चम्पावत जिला अस्पताल में सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम के साथ आइसीयू का कार्य पूर्ण हो गया।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : जिला अस्पताल में जहां आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने का कार्य चल रहा हैं वहीं दो और बड़े अस्पताल एसडीएच लोहाघाट व टनकपुर में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने की कवायद शुरू हो चुकी है। कोविड महामारी को देखते हुए जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है।
चम्पावत जिला अस्पताल में सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम के साथ आइसीयू का कार्य पूर्ण हो गया। ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का काम भी अंतिम चरा में हैं। इस सप्ताह वह भी चालू होने की उम्मीद है। वहीं उप जिला अस्पताल टनकपुर में भी ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने के साथ सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम लगाने का कार्य चल रहा है। सीएमओ डा. आरपी खंडूरी ने बताया कि कैलीफोर्निया में तैनात एक आइआइटीयन से बात चल रही है। उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट देने के लिए कहा है। जल्द ही इस संबंध में अंतिम वार्ता की जाएगी। वहीं उप जिला अस्पताल लोहाघाट में आक्सीजन प्लांट के भवन निर्माण के लिए आरईएस ने एक करोड़ 42 लाख 12 हजार रुपये का इस्टीमेट तैयार किया गया है।
सोमवार को आरईएस ने सीएमओ कार्यालय को इस्टीमेट सौंप भी दिया है। सीएमओ डा. आरपी खंडूरी ने बताया कि जल्द ही इस्टीमेट को स्वीकृति के लिए निदेशालय भेजा जाएगा। बताया कि जिला अस्पताल में प्लांट लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है। टनकपुर और लोहाघाट अस्पतालों में प्लांट लगने के बाद न केवल कोविड मरीजों बल्कि गंभीर रोगियों के उपचार में भी आसानी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कार्य में दोनों विधान सभा क्षेत्र के विधायकों का भी पूरा सहयोग स्वास्थ्य विभाग को मिल रहा है।
कोविड मरीजों की संख्या में आ रही कमी
सीएमओ डा. खंडूरी ने बताया कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बेहतर प्रबंधन के कारण जिले में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। लगभग एक माह पूर्व तक जिले में पॉजीटिविटी रेट 18 प्रतिशत पहुंच गया था जो वर्तमान में पांच प्रतिशत तक आ गया है। अप्रैल और मई माह के पहले पखवाड़े तक रोजाना 250 से 300 तक पॉजीटिव केस आ रहे थे। लेकिन अब यह संख्या भी घटकर 25 से 40 के बीच पहुंच गई है। पूरे जिले में रोजाना 500 से 1000 लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। जिला अस्पताल में मात्र पांच मरीज ही भर्ती हैं।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें