सुरक्षित सफर को अल्मोड़ा घाट हाईवे पर चला 'ऑपरेशन ओखलगाड़ा', खतरे का सबब बनी पहाड़ी को किया धराशायी

नासूर बन चुके क्रोनिक जोन को डोजर मशीन से धराशायी किए जाने के बाद सफर लायक बना दिया गया। विभागीय अभियंताओं के अनुसार बरसाती में संभावित आपदा में राष्टï्रीय राजमार्ग पर सुचारू एवं सुरक्षित यातायात के मकसद से यह प्रयोग किया गया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 04:27 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 04:27 PM (IST)
सुरक्षित सफर को अल्मोड़ा घाट हाईवे पर चला 'ऑपरेशन ओखलगाड़ा', खतरे का सबब बनी पहाड़ी को किया धराशायी
बारिश से सामरिक लिहाज से अहम अल्मोड़ा घाट पिथौरागढ़ हाईवे छह दिन से बंद था।

जागरण संवाददाता, दन्यां (अल्मोड़ा) : अल्मोड़ा घाट पिथौरागढ़ हाईवे पर भूस्खलन का सबब बनी पहाड़ी को ही ढहा दिया गया है। सुरक्षित व निर्बाध सफर के लिए एनएच प्रशासन ने घंटेभर तक 'ऑपरेशन ओखलगाड़ा' चलाया। इस दरमियान दोनों जनपदों को वाहनों की आवाजाह रोक दी गई। नासूर बन चुके 'क्रोनिक जोन' को डोजर मशीन से धराशायी किए जाने के बाद सफर लायक बना दिया गया। विभागीय अभियंताओं के अनुसार बरसाती में संभावित आपदा में राष्टï्रीय राजमार्ग पर सुचारू एवं सुरक्षित यातायात के मकसद से यह प्रयोग किया गया है। उम्मीद जताई कि भूस्खलन व मलबा गिरने का खतरा कम रहेगा।

हालिया लगातार बारिश से सामरिक लिहाज से अहम अल्मोड़ा घाट पिथौरागढ़ हाईवे छह दिन से बंद था। बीते मंगलवार की शाम पहाड़ी को काट कर वैकल्पिक सड़क बनाकर आवागमन शुरू कराया गया था। इधर बुधवार को ओखलगाड़ा की अतिसंवेदनशील पहाड़ी पर बने 'क्रोनिक जोन' से रुक रुक कर भूस्खलन होने से जोखिम बढ़ गया। ऐसे में नेशनल हाईवे के अभियंताओं ने सुरक्षित सफर में बाधक बन रहे 'क्रोनिक जोन' को ही ढहाने का निर्णय लिया। 

करीब घंटेभर तक 'ऑपरेशन ओखलगाड़ा' चलाया गया। डोजर मशीन की मदद से पहाड़ी पर सिरदर्द बन चुके उस भूभाग को ही ढहा दिया गया, जहां से भूस्खलन हो रहा था। इस दौरान अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ को आने जाने वालों को वाहनों को रोक दिया गया। विभागीय अभियंताओं ने बताया कि करीब घंटे भर तक चले अभियान के बाद वैकल्पिक सड़क से दोनों तरफ रोके गए वाहनों को बारी बारी गंतव्य को गुजारा गया।

एइ एनएच गजेंद्र सिंह किरौला ने बताया कि ओखलगाड़ा में अतिसंवेदनशील पहाड़ी का भूस्खलन प्रभावित भूभाग नासूर बन गया है। इसे जड़ से गिराना ही एकमात्र विकल्प है। इसी वजह से मंगलवार को एक घंटे के लिए आवाजाही रोक क्रोनिक जोन को डोडर मशीन से गिरा दिया गया है। कुछ भाग जो बच गया है, उसे भी गुरुवार तक ढहा कर आगवामन सुचारू करने के प्रयास हैं। 

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