Coronavirus : सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना जांच के बिना हो रहे ऑपरेशन
कोविड-19 को लेकर अतिरिक्त सतर्कता है। इसके बावजूद सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में कोरोना जांच के बना ही ऑपरेशन हो रहे हैं।
हल्द्वानी, गणेश जोशी : कोविड-19 को लेकर अतिरिक्त सतर्कता है। इसके बावजूद सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में कोरोना जांच के बना ही ऑपरेशन हो रहे हैं। चिकित्सक मानते हैं कि कई अध्ययनों में साबित हो चुका है कि कोविड-19 वाले मरीज का ऑपरेशन करना अधिक खतरनाक है। वहीं हॉस्पिटल स्टाफ के लिए भी संक्रमण का डर है। इसके लिए जिला प्रशासनिक स्तर से लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी तरह के निर्देश न होने पर डॉक्टर असमंजस में हैं।
चीन समेत कई देशों में हुए अध्ययन में यह साबित हो चुका है कि कोविड-19 मरीजों की सर्जरी से खतरा 10 गुना बढ़ गया। शहर के चिकित्सा विशेषज्ञ कहते हैं, किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ समेत कई बड़े अस्पतालों ने सर्जरी से पहले कोरोना जांच करानी शुरू कर दी है, लेकिन नैनीताल जिले के चिकित्सा विशेषज्ञ किसी तरह के नियम नहीं मिलने पर असमंजस में हैं। जबकि आइएमए हल्द्वानी की शाखा सीएमओ नैनीताल को इससे जुड़े गाइडलाइन के लिए पत्र भी लिख चुके हैं। सर्जरी करने डॉक्टरों का डर इसलिए भी बढ़ रहा है कि कोरोना पॉजिटिव आने वाले अधिकांश मरीज बिना लक्षण के हैं। ऐसे में बिना टेस्ट रिपोर्ट के पहचान करना संभव नहीं है।
जब पांच दिन में रिपोर्ट आएगी तो क्या होगा
जिले में कोरोना जांच की स्थिति पर डॉक्टरों ने आश्चर्य जताया है। उनका कहना है कि नीलकंठ अस्पताल के स्टाफ की सैंपलिंग 30 जून को हुई, लेकिन रिपोर्ट चार जुलाई को आई। शहर में ही 20 से अधिक सर्जरी प्रतिदिन होती है। सर्जरी के लिए भर्ती मरीज की रिपोर्ट पांच दिन बाद आएगी तो दिक्कतें और बढ़ जाएंगी।
आइएमए ने उठाए ये सवाल - ऑपरेशन के रूटीन केसेज किस तरह करने हैं - सर्जरी से पहले कोविड-19 जांच को लेकर क्या किया जाए - केवल दो लैब से जांच रिपोर्ट जल्दी मिलना संभव नहीं है - एकमात्र स्पेशलिस्ट वाले अस्पताल में ओपीडी कैसे की जाए - छोटे कमरे वाले क्लीनिक में शारीरिक दूरी का पालन कैसे हो - सभी अस्पतालों को सैंपल भेजने अधिकार नहीं है
जानिए क्या कहते हैं जिम्मेदार
डॉ. पुनीत अग्रवाल, महासचिव, आइएमए ने बताया कि हमें किस नियम के तहत काम करना है, इसके लिए हमने सीएमओ को लिखा है। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी में कैसे मरीज देखने हैं। सर्जरी से पहले जांच की स्थिति आदि को लेकर पत्र भेजा है, लेकिन अभी कोई जवाब नहीं मिला है।
सीएमओ, नैनीताल डॉ. भागीरथी जोशी का कहना है कि इमरजेंसी केस में मरीजों का इलाज अनिवार्य रूप से करना है। इस केस में जांच और जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया जाए। इसमें किसी तरह की गाइडलाइन की जरूरत होगी तो इसका भी पालन करवाया जाएगा।
पूर्व महासचिव, आइएमए डॉ. प्रदीप पांडे का कहना है कि दुनिया में कई रिसर्च हुए हैं, जिसमें यह पाया गया है कि कोविड-19 मरीजों में ऑपरेशन अधिक खतरनाक है। इसलिए पहले जांच होनी चाहिए, जिससे कि मरीज व हॉस्पिटल स्टाफ सुरक्षित रह सके।
सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह ने कहा कि सर्जरी से पहले कोरोना जांच को लेकर कोई आवश्यकता है। इस आधार पर किसी तरह की प्रशासनिक गाइडलाइन की जरूरत होगी तो उपलब्ध करा दी जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय झूलापुल बंद होने से भारतीय बैंक से पेंशन नहीं निकाल पा रहे नेपाली पेंशनर्स
देश में मिलने वाली तितलियों का कुनबा बढ़ा, अरुणाचल में दो नई प्रजातियां मिलीं