कोरोना बढ़ा तो घट गई महिला अस्पताल की ओपीडी, आशा वर्कर घर जाकर देंगी जरूरी दवाएं

कोरोना का ही असर है कि शहर के महिला अस्पताल की ओपीडी में बीते एक माह में 50 फीसद की कमी आई है। पहले यहां रोजाना 150 से 200 गर्भवतियां दवा या डॉक्टरी परामर्श के लिए आती थी मगर अब यह संख्या में मात्र 100 में सिमटकर रह गई है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 08:12 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 08:12 AM (IST)
कोरोना बढ़ा तो घट गई महिला अस्पताल की ओपीडी, आशा वर्कर घर जाकर देंगी जरूरी दवाएं
ओपीडी घटने के पीछे की बड़ी वजह यहां हो रही कोरोना जांच और टीकाकरण को भी माना जा रहा है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना संक्रमण के चलते लोग तमाम तरह के एहतियात बरतने लगे हैं। अस्पतालों की ओपीडी में हमेशा लगी रहने वाली भीड़ भी गायब होने लगी है। कोरोना का ही असर है कि शहर के महिला अस्पताल की ओपीडी में बीते एक माह में 50 फीसद की कमी आई है। कोरोना से पहले यहां रोजाना 150 से 200 गर्भवतियां दवा या डॉक्टरी परामर्श के लिए आती थी मगर, अब यह संख्या में मात्र 100 में सिमटकर रह गई है।

सीएमएस डा. ऊषा जंगपांगी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में ओपीडी 50 फीसद तक घट गई है। गर्भवतियों को जरूरी दवाएं समय-समय पर घर देने के लिए आशा वर्कर्स से कहा गया है।

घर-घर जाकर बांटी जा रही कैल्शियम-आयरन की दवा

गर्भवतियों को समय-समय पर अस्पतालों द्वारा कैल्शियम और आयरन की दवा दी जाती है। निर्धारित समय पर गर्भवतियों इन दवाओं का सेवन करना जरूरी है। कोरोना संक्रमण के चलते महिला अस्पताल प्रशासन ने आशा वर्कर्स को नियमित समय पर ये सभी दवाएं घर-घर उपलब्ध कराने को कहा है।

जांच व टीकाकरण भी बना कारण

महिला अस्पताल में ओपीडी घटने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यहां हो रही कोरोना जांच और टीकाकरण को भी माना जा रहा है। अस्पताल में कोरोना जांच केंद्र होने के कारण संक्रमण के डर से गर्भवतियां डॉक्टरी परामर्श के लिए अस्पताल आने में कतरा रही हैं।

आधा दर्जन कर्मचारी संक्रमित

महिला अस्पताल में कोरोना संक्रमण के चलते आधा दर्जन स्टाफ कोरोना संक्रमित हो गया है। जिनमें चार नर्सें, एक वार्ड ब्वॉय और एक सफाई कर्मचारी शामिल हैं।

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