अल्मोड़ा में नियुक्ति के 13 दिन बाद ही अतिथि शिक्षक संबद्ध, गुस्साए लोगों ने पूछा - रखना ही नहीं था तो नियुक्ति क्यों की

अभिभावक पंचायत प्रतिनिधि मुखर हो गए हैं। विद्यालय पहुंच प्रधानाचार्य का घेराव कर खरी खरी सुनाई। कहा कि 110 छात्र संख्या वाले विद्यालय में पहले से ही शिक्षकों का टोटा चल रहा है। बमुश्किल एक अतिथि शिक्षक की नियुक्ति कर उसे भी अन्यत्र संबद्ध कर दिया गया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 03:44 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 03:44 PM (IST)
अल्मोड़ा में नियुक्ति के 13 दिन बाद ही अतिथि शिक्षक संबद्ध, गुस्साए लोगों ने पूछा - रखना ही नहीं था तो नियुक्ति क्यों की
प्रधानाचार्य जीआइसी पूरन चंद्र का कहना है कि नवनियुक्त अतिथि शिक्षक को अभी रिलीव नहीं किया जा सका है।

जागरण संवाददाता, द्वाराहाट (अल्मोड़ा) : नियुक्ति के महज 13 दिन बाद ही अतिथि शिक्षक (प्रवक्ता राजनीति विज्ञान) को बग्वालीपोखर से जीजीआइसी दौलाघट संबद्ध कर दिए जाने से आक्रोश भड़क उठा है। सवाल उठाया कि विद्यालयों में शिक्षक रखना ही नहीं था तो नियुक्ति क्यों की गई। यही नहीं लोगों ने इस मामले में निर्णय वापस न लिए जाने पर जनांदोलन की चेतावनी दी है।

बीती एक सितंबर को अंजू राणा की जीआइसी बग्वालीपोखर में अतिथि शिक्षक (प्रवक्ता राजनीति विज्ञान) के रूप में तैनाती हुई थी। 10 सितंबर को उनके पत्र पर सीइओ ने आदेश पारित कर उन्हें जीजीआइसी दौलाघट संबद्ध कर दिया। इस पर अभिभावक पंचायत प्रतिनिधि मुखर हो गए हैं। बुधवार को विद्यालय पहुंच प्रधानाचार्य का घेराव कर खरी खरी सुनाई। कहा कि 110 छात्र संख्या वाले विद्यालय में पहले से ही शिक्षकों का टोटा चल रहा है। बमुश्किल एक अतिथि शिक्षक की नियुक्ति कर उसे भी अन्यत्र संबद्ध कर दिया गया है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। पंचायत प्रतिनिधियों ने मामले की शिकायत विभाग के उच्चाधिकारियों से भी की। कहा कि शिक्षक को चार दिन के भीतर वापस बग्वालीपोखर वापस नहीं भेजा गया तो क्षेत्र की जनता आंदोलन के लिए बाध्य होगी। इस आशय का बाकायदा पत्र भी प्रधानाचार्य को सौंपा। मौके पर मेल्टा के ग्रामप्रधान प्रमोद जोशी, हेमा जोशी पनेरगांव, दीपिका भंडारी भंडरगांव, भूपाल भंडारी, बलवीर भंडारी, हेम जोशी, शंकर भंडारी देवेंद्र बिष्ट आदि मौजूद रहे।

प्रधानाचार्य जीआइसी पूरन चंद्र का कहना है कि नवनियुक्त अतिथि शिक्षक को व्यस्तता के कारण अभी रिलीव नहीं किया जा सका है। बुधवार को जनता के आक्रोश के कारण मामले में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन के लिए पत्र भेज दिया है। उसी के अनुरूप अग्रिम कार्यवाही करेंगे।

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