World Suicide Prevention Day : कुमाऊं में हर दिन हो रही एक आत्महत्या

World Suicide Prevention Day कुमाऊं में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हंै। इसकी सबसे बड़ी वजह पारिवारिक कलह से उत्पन्न तनाव है। आत्महत्या को लेकर कुमाऊं से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पिछले 245 दिन में 254 लोगों ने अपना जीवन खत्म कर दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 08:56 AM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 05:58 PM (IST)
World Suicide Prevention Day : कुमाऊं में हर दिन हो रही एक आत्महत्या
World Suicide Prevention Day : कुमाऊं में हर दिन हो रही एक आत्महत्या

दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : World Suicide Prevention Day : कुमाऊं में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हंै। इसकी सबसे बड़ी वजह पारिवारिक कलह से उत्पन्न तनाव है। आत्महत्या को लेकर कुमाऊं से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पिछले 245 दिन में 254 लोगों ने अपना जीवन खत्म कर दिया। यानी प्रतिदिन औसतन एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। मनोविज्ञानियों ने इस पर चिंता व्यक्त की और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।

आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस है। इसे लेकर पुलिस रिकॉर्ड से आत्महत्या की जानकारी ली गई। कुमाऊं के छह जिलों में वर्ष 2021 में आठ महीने यानी 245 दिन में 254 लोगों आत्महत्या की है। सबसे अधिक फांसी का फंदा लगाने के मामले हैं। यह संख्या 172 है। इसके अलावा 42 लोगों ने पारिवारिक कलह, 62 ने जहर खाकर, नौ ने नदी में कूदकर, सात ने मानसिक व सामाजिक उत्पीडऩ के चलते आत्महत्या की। हालांकि तमाम अन्य कारणों में मानसिक बीमारियां, लॉकडाउन के बाद उत्पन्न स्थिति भी सामने आए हैं।

मृतकों में 230 बालिग, 24 नाबालिग

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार आत्महत्या करने वालों में 230 बालिग और 24 नाबालिग शामिल हैं। सबसे अधिक बालिग ऊधमसिंह नगर में 63 व बागेश्वर में सबसे कम नौ लोग शामिल हैं। अच्छी खबर ये है कि पिथौरागढ़ व चम्पावत में किसी भी नाबालिग ने आत्महत्या नहीं की।

तनाव में लगाई फांसी

केस-1

19 अगस्त को भोटियापड़ाव पुलिस चौकी में तैनात सिपाही दिलीप बोरा ने मेडिकल चौकी बैरक में फांसी लगा ली थी। मृतक सोमेश्वर अल्मोड़ा का रहने वाला था। पुलिस जांच में मौत का कारण मानसिक तनाव व पारिवारिक कलह सामने आया।

केस 2

सात अगस्त को हल्द्वानी अग्निशमन विभाग में तैनात सिपाही मुकेश जोशी ने अपने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट का रहने वाला था। पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि पारिवारिक कलह के चलते वह परेशान था।

इन बातों का रखें ध्यान नियमित व्यायाम करें खानपान पर ध्यान दें दिनचर्या सुव्यवस्थित रखें मन को खुश रखें भावनाओं को खास लोगों से शेयर करें नियमित मेडिटेशन करें मन में गलत विचार आने पर काउंसलिंग कराएं

क्‍या कहते हैं मनोचिकित्‍सक

मनोचिकित्सक डा. गिरीश पांडे का कहना है कि डिप्रेशन के चलते मन उदास रहने, निर्णय लेने की क्षमता खत्म होने, नशा, मोबाइल, एकल परिवार तमाम ऐसे कारण हैं, जिनके चलते आत्महत्या बढ़ गई हैं। ऐसे में जागरूकता की जरूरत है। कोविड के बाद लंग्स, हार्ट और ब्रेन पर असर पड़ा है। मानसिक तनाव भी बढ़ा है। जरूरत पडऩे पर मनोचिकित्सक की सलाह लें।

कोरोना के बाद बढ़े मामले

मनोचिकित्सक डा. रवि भैंसोड़ा का कहना है कि घरेलू हिंसा, वैवाहिक व पारिवारिक कलह ने नई समस्या पैदा कर दी है। कोरोना के बाद जॉब छूटने, बिजनेस में घाटा होने तमाम कारण बने। जबकि जीवन अनमोल है। संघर्ष का नाम ही जीवन है। इसलिए हार नहीं माननी चाहिए। तनाव को कम करने का समाधान खोजना चाहिए। हर चीज का समाधान संभव है।

आत्महत्या के मामले बढ़े हैं : डीआईजी

मेंटल हेल्थ के स्टेट नोडल ऑफिसर और डीआइजी कुमाऊं डा. नीलेश भरणे कहना है कि आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। लोगों के अंदर इस तरह की प्रवृत्ति कम हो सके। इसके लिए वेबिनार, कार्यशालाएं, काउंसलिंग की जा रही है। 104 नंबर भी है, जिसके जरिये सीधे बात की जा सकती है। जरूरत पडऩे पर पर्सनल काउंसलिंग के लिए भी बुलाया जाता है। जागरूकता के लिए अभियान को और सिस्टमैटिक तरीके से चलाएंगे।

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